दोनों ही भाग रहे थे
दुनिया से
एक दूसरे से
और ख़ुद से।
दोनों ही छुपा रहे थे प्रेम
दुनिया से
और एक-दूसरे से।
प्रेम- जो उन्हें बहुत पहले हो जाना चाहिए था
जब वो किसी अजनबी रिश्ते में बंधे नहीं थे
मगर तब वो मिले नहीं थे
वो उससे सुनना नहीं चाहती थी-
"तुम्हारी आँखों में डूब कर मर जाना चाहता हूँ मैं"
वो जानती थी- वो जीना चाहता है-मरना तो बस आदत है उसकी
वो कभी कहता नहीं था उससे
"आओ एक नज़्म सुना कर सुला दूँ तुम्हें"
वो जानता है- वो सोना चाहती तो रोज़ शाम ढलते ही वापस घर नहीं लौटती।
वो दोनों एक दूसरे से बात करना चाहते थे
मगर चुप रहते थे
दोनों छुपा रहे थे प्रेम
दुनिया से
और एक-दूसरे से।
-