मेरा प्रेम तुम्हारे घर के बाहर
कुमकुम से बने स्वस्तिक सा है..
जो तुम्हारी दहलीज़ पर बैठ कर
तुम्हारी मंगलकामनाओं में लीन है...!!
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कभी मिलो तो
हाथ मत मिलाना......
तुम थाम नही पाओगे
और हम छोड नहीं पाऐगें..!-
मोहब्बत में
देखो, कैसे
मुकाम पे हूँ.
तुम्हारे साथ हूँ
और,तुम्हारे ही
ख्याल में हूँ.-
सावन का महीना है,
बहुत बरसात है ना..
तुम्हारी पहली मुहब्बत मैं हूं,
तुम्हें याद है ना.-
कभी कभी
अल्फ़ाज़
नहीं होते हैं,
कैफ़ियत
बयां करने को...
बस दिल
करता है
कोई...❤️
समझ ले
संभाल ले
समेट ले...
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उस एक गैर
शख्स कोअपना
बनाने के लिए,
मैने कितने ही
अपनो को
गैर कर दिया..-
यूँ तो औरों के संग
हंसा करते हैं आदतन,
आपकी यादों के साथ
कब मुस्कुराने लगे ,
(मालूम ही नहीं हुआ)-
तुम मुझसे नफरत करो
या मोहब्बत दोनों ही मेरे हक़ में है ,
अगर तुम मुझसे मोहब्बत करते हो तो
मैं तुम्हारे दिल में हूँ
और अगर नफरत करते हो
तो तुम्हारे दिमाग में ....हूँ तो...
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मेरी चाहत का अंदाज़ा
ना लगा पाओगे,
खुद को भूल जाओगे
मगर हमको
ना भुला पाओगे,
एक बार हमसे
जुदा होकर तो देखो,
कसम तुम्हारी
हमारे बगैर
जीना भूल जाओगे
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