उसके हुस्न से भी ज्यादा, खूबसूरत था उसका दिल ।। उसकी आँखों की गहराई के आगे, कम थी दुनिया की हर झिल ।। इसलिए तो उसके हाथों की लकीरो से, मेने कहा था कही पे तो आके मिल ।।
जिसे हासिल किये बरसो गुज़ार दिए उसे पाना हैं मुझे जाना हैं उस मोड़ पे जहा हर राह वो करीब हो मुझे कास ये अक्ल पहले आ जाती मुझे बहोत फर्क रहा उनके साथ और पास होने मे मुझे
लड़ना हैं झगड़ना हैं फिर भी तुम्हारे साथ ही होना हैं मुझे चाँद और सितारों की तरह तुमसे दूर होके भी साथ होना हैं मुझे सांस नहीं आती तुम्हे पास ना पाकर चकोर और बारिशके पानी के जेसे तुम्हे चाहना हैं मुझे