Phalguni Bose   (फाल्गुनी बोस)
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Joined 10 June 2020


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Joined 10 June 2020
9 APR AT 16:25

दिल के जज़्बात से आलिंगन हो जाने दो
प्यार मोहब्बत इश्क़ का एहसास मन को लुभाने दो
कुछ तो बाक़ी रह गया है इस दिल में कहीं
फ़रमान इश्क़ का है अनदेखा न जाने दो

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3 FEB AT 23:58

His entrancing eyes caught me
Got me arrested and brewed
Like a magnetic pull
As if tides surging through
I couldn’t resist the rush
Too coy to hold the glance
Oh dear, he got me numb
The stranger took my calm
So in wonder of his effortless lure
As if a meander drawing muse!

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23 JAN AT 0:27

प्यार है अगर और सर आँखों पर न रख पाए
तो प्यार कैसा
प्यार है अगर और प्रेमीका के नख़रें न उठा पाए
तो प्यार कैसा
प्यार है अगर और अपने कर्मों से न दिखा पाए
तो प्यार कैसा
प्यार है अगर और फिर भी निगाहें न टिकती हो
तो प्यार कैसा
प्यार है अगर और ज़ाहिर करने का समय न हो
तो प्यार कैसा
प्यार है अगर और दीवानगी की हद तक न जाए
तो जनाब वो प्यार, प्यार नहीं सिर्फ़ एक झाँसा

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31 DEC 2024 AT 10:13

तेरे सपनों की दस्तक भी अब खटकती
अमावस की काली रात-सा आलिंगन दे जाती
कल्पना न कर सके तूने ऐसे रास रचे
मोहब्बत का ज़िक्र भी तेरे मुँह से अब कलंकित लगे

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30 DEC 2024 AT 6:22

उस गली का रुख़ भी न मन्ज़ूर है
जहाँ इश्क़ एक खेल हो
या हवा में बचकानी हरकतों की लहर हो
ख़ुद की क़ीमत बखूबी जानते हैं, हुज़ूर!
हज़ारों उन चाहने वालों से पूछिए
इतना आसान नहीं कि जब चाहे फाँस लीजिए

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26 DEC 2024 AT 18:03

इश्क़ में न वफ़ा न वाक़िफ़
गुरूर से खींचीं दीवारें
किसी मोती में हुआ मश्रूफ, फरेबी!
खेल गया जज़्बातों से
मज़लूम किया हीरे को
पर भूल गया …
छुपता नहीं झूठ न दग़ाबाज़ है
अन्त बेशक क़ुबूल था
दगा और बेवफ़ाई में
हैरानी का मन्ज़र दिखला गया क़िस्मत,
उसे मालूम हुआ ये
जन्मपत्र में जीवनसाथी वही है

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5 OCT 2024 AT 0:31

तेरी मदहोश आवाज़ में खो जाऊँ
जो तू सूरज सा चमके तो मैं पेड़ सा पनप जाऊँ
बारिश हो ऐसी जो करीबी बढ़ा जाए
तू आसमान कहलाए और
मैं बादल सा तुझमें पल पल सिमटूँ

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4 OCT 2024 AT 23:45

खैर ख़बर छोड़ प्यार झूठलाता गया
हीरा छोड़ मोतियों के पीछे भागा गया
अश्क़ से इस तरह नाता जोड़ने लगा
कर्मों की लीला में लिपटता गया

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2 OCT 2024 AT 3:55

तोड़ोगे उसे क्या जो खुद टूटने से बना हो,
अकेलेपन की सादगी में बेपनाह खिला हो ॥

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21 SEP 2021 AT 0:09

लाख़ गम़ छुपाए
नए चेहरे ढूंढने जो निकले,
मन में सवाल कई लिए जैसे
दिल पूछता हो क्या सफल होगे?

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