जीत गई तन्हाई
छोड़ गए फिर मुझको
तुमने न प्रीत की रीत निभाई
इस किस्से का यही अंत था
यही जग से रुसवाई
टूट गए जब सारे बंधन
तब भी मुझे अकल न आई?
-
किसी रोज़ तुम भी फिसलकर तो देखो
इक ख्वाब के पीछे पागल ज़माना
इस दिल को किसी से लगाकर तो देखो।
की देखो के सब क्यों है दीवाने इसके
क्यों दुनिया को सर पर उठाए हुए है
क्यों झेले ये दुख दर्द सारे जहां के
फिर भी इसी राह आए हुए हैं।-
हाथों से फिसल जाती हैं रेत की तरह
न रुकती हैं न करती हैं थोड़ा इंतजार
के मेरी जिम्मेदारियों का किस्सा खतम होने ही वाला था
की मैं भी अपनी जिंदगी जीने ही वाला था
मुट्ठी भर ख्वाहिशें
हाथों से फिसल जाती हैं पानी की तरह
जाना होता है इन्हे नाजाने कहां
की इनकी मंजिल में नही है मेरा रास्ता-
are shattered and people
step over them
to enjoy the
crumbling noise.
It has been autumn
for a long time.-
Two faces that I wear
One with a smile
other with a tear.
One adjusted
with your needs
While the other,
just grew weeds.-
you break glass.
But remember collecting
the pieces afterwards
Or they may hurt someone else.-
वो किताब में छिपा हुआ गुलाब
तुम शायद उसमें छिपा प्यार भूल गए
याद है मुझे
हमारे प्यार भरे खत
तुम शायद उन शब्दों की मिठास भूल गए
याद है मुझे
वो सारे वादे और कस्मे
तुम शायद उन्हें निभाना भूल गए
आज भी यही हूं
उन वादों को पूरा करने के लिए
तुम शायद यहां आने वाला रास्ता भी भूल गए-
You immersed into me
just like the yellow
that mixes up with the sky
during sunset.
But then night happened...-