जिस रिश्ते की बुनियाद प्यार और विश्वास पर होगा कभी सोचा था, आज उसी रिश्ते में भरोसे की कोई गुंजाइश नहीं रहीं। जिस रिश्ते की आश कबसे लगायी बैठी थी, आज उसी रिश्ते से दूर जाना हैं।
जिस रिश्ते की बुनियाद प्यार और विश्वास पर होगा कभी सोचा था, आज उसी रिश्ते में भरोसे की कोई गुंजाइश नहीं है। कुछ तुम ना कह पाए, कुछ ना हम कह पाए, और कुछ वक़्त ने हमें कहने नहीं दिया।
silence speaks too much, When the clouds stops the sparks of those stars, When I whisper the tale of my love to that silvery glow in the shades of the sky, When my broken heart weeps in pain. The night speaks! Speaks all the tales of the heart!