मेरी लेखनी से
कहीं अच्छी है
तुम्हारी पाजेब की खनक
मै वर्ण जोड़ शब्द बनाता हूं
तुम पाजेब की खनक से
शब्दों को तोड़ देती हो
मै एक एक शब्द
कठिनाई से जोडूं
तुम्हारी प्रशंसा में
तुम चार कदम
सहजता से चलकर
मुझे मनमुग्ध कर देती हो
मै किंचित भयभीत नहीं
अपने हार से
मुझे सातों सुर सुनने मिलते
तुम्हारे पायल के झंकार से
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