Why should I take your permission to be happy?
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तुम ओस की बुंद के समान हो और मैं एक सदाबहार नदी के पानी की तरह।
तुम हर रात आते हो और सुबह चले जाते हो, मैं पूरे साल इस नदी की तरह किनरा पकड़े यहीं रहता हूँ।
तुम किसी की भी प्यास बुझा नहीं सकते,
और मुझसे पुरा शहर अपनी तृष्णा मिटाता है।
फिर भी, तुम्हारी इस क्षणिक जिन्दगी का लोग बेसब्री से इन्तज़ार करते हैं।
मैं भी तो कब से इन्तजार में बैठा हूँ, मेरे सब्र की और परीक्षा मत लो।
कभी तो मुझसे भी मिलने आओ।-
बचपन में देखा, कठपुतली का खेल याद है?
अदृश्य से धागों में जादू पिरोता हुआ कलाकार,
उसके जादू से नाचती हुई कठपुतलियां,
और इन सब से मंत्रमुग्ध हुए, ताली बजाते हम|
बचपन में देखा, कठपुतली का खेल याद है?
आज भी होता है कठपुतली का ये खेल|
अदृश्य धागों में जादू पिरो रहें है लोभ, धर्म, और जातिवाद,
इन जादुओं से अनैतिक, असंवेदनशील होकर नाच रहे हैं हम|
बस यह नहीं दिख रहा कि ताली कौन बजा रहा है?
बचपन में देखा, कठपुतली का खेल याद है?-
Even a small lamp may illuminate the darkest rooms.
However, the lamp will have to burn its own wick to do it.-
Let's go back in time;
when we were naive and things were not complicated.-
सर्द हवाओं का मौसम चला है
हर जगह बर्फ की परतें जमी हैं।
खिड़कियों के बाहर कुछ नजर नहीं आ रहा
और सांसें ठंड से जमी जा रहीं हैं।
सीने में दफन दिल भी
घर के चूल्हे की तरह ठंडा पड़ गया।
ठोड़ी सी गर्माहट के लिए हमने
घर के आंगन में अलाव लगाया।
आग की तपिश ने चंद सांसें तो पिघला दीं
लेकिन रिश्तों के आभाव ने दिल में गरमाहट होने नहीं दी।
खिडकी पे जमी बर्फ की परतें भी हट गयीं
लेकिन बाहर कोई परिचित चेहरा नजर नहीं आया।
हमने अलाव की लपटों को सुला दिया।
ठंड का बहाना,
एकाकी होने के अहसास से बेहतर जो लगता है।-
Tomorrow,
Work harder than you worked today;
Worry lesser than you worried today;
Meditate longer than you did today;
Eat better than you ate today;
Exercise harder than you did today;
Cry lesser than you cried today;
Love deeper than you loved today;
Be better than you are today.-
आधी रात को जब नींद अपने पहरे से उठी,
हम, चंद सांसें, ताज़ी हवा में लेने के लिए बाहर चल पड़े।
वातावरण में फैले धुएं ने ताज़ी हवा देने से इन्कार कर दिया,
और हम, उस धुएं में दो कश और जोड़ आए।-
कुछ तो नशा है तेरे प्यार का,
क्योंकि
होंठ तो सिगरेट को चूम ही लेते हैं
मगर लाइटर उसे सुलगा नहीं पाते हैं।-