Peekaasoul  
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Joined 25 August 2017


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Joined 25 August 2017
11 SEP AT 15:57

यह इश्क़ और इंतज़ार में
खर्च होती गई हमारी एक उम्र ।
और वो बड़े प्यार से पूछते है
कैसे गुजरे हमारे बिना आपके वो दिन ?

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28 MAY AT 17:56

प्रेम की पराकाष्ठा तो वहीं रही
जहाँ भी मैं रही तुम साथ रहे।
सुख में, दुःख में
धूप में या बारिश में
सच में, निश्चल में
भीड़ में या एकांत में
हर परिस्थिति में तुम्हारा साथ
मेरे लिए, मेरे महादेव का
आशीर्वाद ही तो है। 🌺

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28 MAY AT 17:55

तेरे कंधे पर सिर रखकर
परेशानियों से जीत जाती हूँ मैं।
तेरी बाँहों में सिमटकर
सुकून से सो जाती हूँ मैं।

तेरी धड़कनों की लय में
खुद को हर रोज़ पाती हूँ मैं।
तेरी मुस्कान की सुंदरता में
हर ठंडी शाम बिताती हूँ मैं।

सपनों को हकीकत बनाने में
हर दिन जुटी रहती हूँ मैं।
तेरे विश्वास की छाँव में ही
खुद को पूरा समझती हूँ मैं।

हाँ, यह सच है कि हर पल
तेरे साथ हाथ थामे खड़ी हूँ मैं।
तेरे साए में, तेरे प्यार में
खुद को सबसे मजबूत पाती हूँ मैं।

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15 APR AT 0:11

इंतज़ार में कहीं..समय की परछाईं बन
हम यूँ ही ना बीत जाये समय बन कर।
उनकी यादों की सिलवटों में
धीरे-धीरे कहीं बिखर ना जाएं
खामोशी बन कर।

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29 JAN AT 18:07

प्रतिक्षा उसकी कब तक करूँ?
अपने इन नयनों से नदियाँ कब तक बहाऊँ?
सुना है किसी के आलिंगन में समाया सा रहता है
अब तुम ही बताओ सखि..
उस पर अपना अधिकार कैसे जताऊँ?

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29 JAN AT 2:51

कितना सुहावन है हृदय का यह उत्साह
जो अप्रिय था कभी, अब कर रहा रस में संयोग।
अधरों की मुस्कान, कपोलों तक विचरण कर रही
लोचनें लज्जित हो, मधुर कथा रच रही है।

उर में उठी यह मधुरिम तृषा
प्रिय क्षणों की पुनः हो अभिलाषा।
हे प्रभु , फिर से वह भावना उमड़ आए
फिर से यह हृदय प्रेम सुधा में डूब जाए।

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28 JAN AT 16:51

पलटने का इंतजार क्यों करते हो ?
सुना है, आँखें अक्सर सामने से मिलती हैं ।

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20 JAN AT 13:42

तू बन जा रांझणा
बनारस के घाटों सा।
और मैं..
तेरी आँखों में बसा
वो इंतजार बनू।

प्रेम का एक अलग सा
हो वो नज़ारा।
कि एक बार मिले और
बिछड़ना मुश्किल हो जाये।

पूरा न सही
अधूरा गीत ही बन जाओ।
हकीकत में ना मिलो, पर
सपनों में तुम.. बस मेरे हो जाओ।

हाँ, नादान पंछी सी मेरी बातें हैं
पर तुम्हारा मेरे साथ रहना भी तो जरूरी है।

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18 JAN AT 6:39

कुछ चाय पर.. ☕️

सुबह की किरण संग
हृदय-बेल पर पंछी गाएं
पवन की थपकी संग
तुम्हारे बाल हल्के से लहराएं।

मीठी सी मुस्कान का जादू
जब तुम्हारी नींद पर हल्के से छाए
अचानक मेरा नाम कानों में गूंजे
और तुम झटके से उठ जाओ।

मैं तुम्हारे हर अहसास में
हर सुबह की चाय में बसी
बस तुम्हारे लिए, सिर्फ तुम्हारी
तुम्हारे सामने खड़ी
चाय की गर्म प्याली थामे होंगी।

हर सुबह ऐसी हो हमारी
जहां तुम और मैं साथ में हों
ये पल रुके, ये वक्त ठहर जाए
हमेशा तुम्हारे बाँहो में रहूं
चाय की चुस्कियों संग
ढेर सारी गप शप 💌

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5 JAN AT 4:31

कहानी तो सबकी होती है
कुछ पूरी, बहुत सारी अधूरी।

कुछ पन्नों में खुशियाँ
और कुछ में दर्द की मजबूरियाँ।

आँसू और मुस्कान की तलाश में
हर दिल की अपनी-अपनी उड़ान।

जीवन की पहेलियों संग
सपनों की परछाई सी।

सुनो…

कहानी तो सबकी होती है,
कुछ पूरी, बहुत सारी अधूरी।

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