कली हो आज तो ... हमने भी तुन्हे समुंद्र के बीचों बीच ... बड़ी सी झील में .... बड़ी सिध्ध्त से रहे है ..! ताकि ..कही तुम फूल बनो तब देखना तुम्हारी महक कहा कहा ... और किसके पास पहुंचते है .....?
अथक प्यास लगी है फिर भी दरिया को देखता रहा .... अपने ही दो नैनो से .... ओर वह पास से गुजर गई ऐसे जैसे मुझे भीगा गई हो .... फिर भी देखता रहा ... छू न सके तेरी रूह को ....
पहाड़ो की सर्दियों ने ढल गए है नदियों में , बरसात में नदियों की मधुरता चल गए है मैदानों में, मैदानों की मिट्टी जो हवा के कपकपाहट से ढल गए है मुलतानी मिट्टी में, इस मुलतानी मिट्टी के रंग रूप से खिल उठे है आपके सूरत , हमे तो अब आपके सूरत से ऐतबार है ।
किसी के सामने अपने मन के जिस्म को खोल कर बाते दीजिए तब जा के वह भी मन ही मन सब कुछ कुर्बान कर देगी आपकी खुशी के लिए ....आपके प्रेम में ... सब कुछ एक हो जायेंगे ....उसके बाद आप ,आप नही ,हम बन जायेंगे ...तब देखिए जिंदगी कैसे समुंद्र सा लगने लगेगा ...???
सफलता जो देखने में केवल एक शब्द सा लगता है, पर जिंदगी भर संघर्षों के बाद ही समझ पाते है की, अपनी स्वयं के जन्म भी तो कई संघर्षों के बाद हुआ है ना जाने कितनी दर्दों के बाद ? उसके बाद जन्मे बच्चों की सांसों की माला के लिए न जाने कितने प्रयास मां ,डॉक्टर,नर्स और दाई जी करते है तब जाके आप अपना जीवन पाते है । उसके बाद ना जाने कब पर जब भी बीमार हुए तब तब आपकी मां , पापा ,दादा और दादी सभी ने आपको संभाल कर जीवित रखे हुए हैं। उसके कुछ बड़े कद के होते है तब जा के आपके पहले पैरो के कदम से चलते है तब जा के मां के मन में सुकून सा लगने लगता है और हंस पड़ती है आपके कदमों से ...तब जा के आप अपनी जिंदगी में दिव्यांगता से दूर होते है तब जा के सफल इंसान बन पाते है। कुछ पल और जीने के बाद आप जब पहली बोलो मां या पापा कहते हैं या कुछ और ...उस पल भी खुशी सोगुनी हो जाते है तब जा के आप एक अच्छा वक्ता या विद्वान बन पाते है। कई संघर्षों और काली मौसमों के बाद जब आप पहली दफा स्कूल जाते है जब जाके आप शिक्षित इंसान बनते है। आगे बहुत कुछ कहना बाकी है और आप समझदार और शिक्षित भी है आप समझे ...क्या है सफलता और क्या नही है ...?????
मौत के आंचल में जाने से पहले का सफर.. मां और उनका आंचल ....
कुछ सादा पन्ने घर तक ले जाऊं ताकि उसमे मां के आंचल में छुपे प्रेम को लिख सकूं और उसके परिवार में समन्वय ,ईमानदारी ,प्रेम ,दुलारतापन,अखंडता, संप्रभुता,घर आंगन ,तुलसी के पेड़,खेत खारियां, इत्यादि और बहुत कुछ लिख और सिख सकू सुकून से...