ये ताश के पत्ते भी खुशनसीब होते हैं
बिखरने के बाद भी
उनको समेटने वाला कोई होता है....-
यकिन करो !
जो भूल चूका है तुम्हें
वो भी याद करेगा,
बस उसके मतलब के
दिन आने दो.....-
अपनी खुशियों की चाबी
किसी को मत दो ,
लोग अक्सर दुसारे का
समान खो देते हैं....-
कुछ पाने की ख्वाहिश ,
देर तक जगती रहती है....
और जिम्मेदारियाँ सुबह ,
जल्दि उठ जाती है!-
लोगों के झहेन में सदा बसने के दो ही रास्ते हैं!
या तो ऐसा लिखों जिसे,
लोग पढने पे मजबूर हो जाएं।
या तो ऐसा जियो जिस पे,
लोग लिखने पे मजबूर हो जाएं।-
एक अरसा हो गया,
हमें झहेन-ऐ-सकुन मिले,
एक अरसे से ना वो,
चांद सोया और न हम....!!-
अहंकार में तीनों गए धन , वैभव और वंश।
ना मानो तो,
देख लो रावण, कौरव, कंश।-
पता नहीं....
होश में हूं या बे-होश हूं में!!
मगर बहोत सोच समझ,
के ख़ामोश हूं मैं।।-