जिंदगी मे अक्सर ऐसे भी मुकाम आते हैं,,,
ख्वाब दिखाने वाले लोग आँखें तक नोच लेजाते हैं,,-
Ay ishq teri har nishani ko ab maine suboot bana rakha hai,,,
Meri mout to tay hai par uski barbaadi ka bhi maine samaan juta rakha hai,,,,-
तुझे हक़ है रूठने का, मगर इतना भी ना रूठना की मना भी ना सकूं,,,
मेरा हाल गैरों को तो बता नही सकती, तू भी इतना दूर ना हो कि तुझे दिल के ज़ख़्म दिखा ना सकूं,,,,-
सिर्फ पापा की परी ही नही मम्मी की शेरनी भी हूँ!
रंगीन चूड़ियां नही भाती मुझे मैं खुद गहने बनाती हूँ!!-
हमारे भाग्ये में सबकुछ है...
बदनशीबी दर्द गम ज़ख़्मी सा एक दिल एक बेरहम हमदम!
कुछ रिश्तों के क़ातिल रिश्तेदार बोझिल सी ज़िन्दगी थके हुए क़दम!!
हमारे भाग्ये में सबकुछ तो है अब तो कुछ नया सितम दो तुम!
तल्ख सी सांसे भी आती जाती है और खुदा भी मेरा जरा है बेरहम!!-
बर्बादियों का ख़ौफ़ उसे है जिसने कभी बर्बादियों का सामना ना किया है!
उसे तूफ़ान-ऐ-तबाही क्या ख़ौफ़ज़दा करेगी जिसने हर कदम खुदको मिटा दिया है!!
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सुना है लोग मेरी बर्बादी के लिए बेक़रार बैठे है!
बता दें हम उनको के हम भी अपना क़फ़न लिए तैयार बैठे है!!-
लोग अल्फ़ाज़ लिखते है इसीलिए लाज़वाब लिखते है!
हम तो फ़क़त ग़म ओर ज़ख़्म लिखते है और बेहिसाब लिखते है!!
कभी खुदको अश्क़ों का दरिया दरिया तो कभी ज़िन्दगी को मझधार लिखते है!
अब करले सितम ज़माना हम हर पल में खुद को तैयार लिखते है!!-