There is a doubt
inside and outside
the threshold.
If we go out,
the world will bite us,
if we stay at home,
then our dilemma is where to stay,
it is difficult to spend our life just on the threshold. Because eighteen years of age have passed in crossing this,
now there is a new threshold again.
And then the same doubt inside and out.
©®payal laxmi soni
From the book- 'Ek Saans Sabke Hisse Se'
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"चाहे मनुष्य दिखावे के लिए
जितनी भी ईश्वर की भक्ति कर ले,
कपटी,धूर्त,लालची मनुष्यों को
ईश्वर भी पहचानता है।"
©®पायल
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"अगर आपकी कोई नकल करता है तो परेशान ना हो,
क्योंकि यह आपके द्वारा किये गए अच्छे कार्यों का सही प्रतिफल है"
©®पायल-
"दुर्जन व्यक्ति की बात मानकर सज्जन व्यक्ति से मतभेद, किसी भी व्यक्ति की निम्न सोच को परिलक्षित करती है"
©®पायल-
"धूर्त मनुष्य के विचार व्यक्ति को इतने प्रभावित कर जाते है,
कि मनुष्य फिर सत्य और असत्य में भेद नही कर पाता।"
©®पायल-
"सत्य का समर्थन न करने वाला,
अपने ग़द्दार होने का भेद स्वयं बता देता है"
©®पायल-
हर कदम पर जब समझौता ही करना हो,
तो बदलाव की इक्छा नही करती चाहिए,
बेहतर यही है कि इंसान उसी स्थिति में रहे,जिस परिस्थिति में वह वर्तमान में रह रहा है।
©®पायल-
पलको पर शाम सजाई है।
न जाने कैसी ये रुत आई हैं।।
मैं इंतज़ार में थी वो कुछ कहे।
खामोशी ने उनकी मेरी तमन्नाएं जलाई है।।
हम दूर रहे तुमसे,तुम भी पास ना रहो।
इसी तड़प में हम दोनों की भलाई है।।
©®पायल-
"विपरीत परिस्थितियों में अकेले कुछ भी करना बहुत कठिन होता है,लेकिन यह वही दौर है जब हम स्वयं की क्षमता को पहचानते है।
कुआँ खोद कर पानी निकालना अलग बात है, भरे कुँए से बाल्टी भरना अलग।
©®पायल-