तुम्हारे नज़रों के नज़ारों के दीवाने हैं हम .. तुम्हारे हरकतों के नज़ाकतों के घायल हैं हम… जब हक़ से पकड़ते हो हाथ हमारा …. होती हैं एक हलचल इस दीवाने दिल में.
सुनो क्या तुम्हें पता हैं ?
जब बिन बताए तुम अपनी दिल की बात करते हो .. वो पल हमारे लिए बन जाता हैं तोफ़ा.. बस अब क्या कहे और … थोड़े दीवानेपन की उम्मीद हैं तुमसे,