पीछे
गुजरते वक्त के साथ
जिनके साथ हर दिन बिताते थे
हसीं मजाक संग हर सुख दुख बाटते थे
-
I.g- @heartfeltthought0
इतने भी मतलबी नहीं
दिल-ओ-जान से मोहब्बत की है
बेवफा हम है नहीं
तुम हमारे बिना खुश हो
इससे ज्यादा खुशी की कोई बात नहीं।-
पहली मुलाक़ात का ख़्याल दिल को गुदगुदाता है!
मन-ही-मन न जाने इन्सान क्या-क्या बुदबुदाता है!
नज़रों के मिलने पर दिल सहम सा जाता है!
चोरी-छिपे देखने को बार-बार मन कर जाता है!
दोनों की एक हाँ से
दो परिवारों का बंधन बंध जाता है!
पल भर में अजनबी अपना बन जाता है!
हर पल उसके साथ रहने को जी चाहता है!
उसकी हर पसंद-नापसंद
का ख़्याल मन को सबसे पहले आता है!
एक अजनबी पहले दोस्त
फिर हमसफ़र, हमराही बन जाता है!
पहली मुलाक़ात का ये किस्सा....
आजीवन सबके दिलों मे बस जाता है।-
खुबियां-खामियां मिलकर बनीं जिंदगी हमारी
कभी तुम रुठे कभी मैं हारी
सुख-दुख की हर परिक्षा में हमने बाज़ी मारी
समाज की सोच न होने दी हमने खुद पर हावी
अपनी शर्तों पर जीने की हमने ठानी
किसी को न पहुंचे हमसे किसी प्रकार की हानी
हंसते खेलते, गाते गुनगुनाते बीते ये उम्र सारी-
चांदनी रात नदियां किनारे शीतल हवा बहे
शांत माहौल में भी मन मस्तिष्क शोर करे
सुकून की तलाश में न जानें किस ओर चले
भीड़भाड़ की दुनिया में भी हम अकेले हैं खड़े ।-
सोलह श्रृंगार कर दुल्हन नई नवेली
चूड़ी खनकाती, हथेली महकाती
पायल छनकाती, इठलाती बलखाती
आलते की छाप से घर को सजातीं
नज़ारे चुरा मुस्कुराती ,शरमाती
खुद ही खुद में बुदबुदाती
कुछ वर्षों में खुद को भूल
सबके लिए जीने लग जाती...-
कुछ कहना नहीं है
बहुत कुछ बताना है
दिल का हाल समझाना है
साथ वक्त बिताना है
सुख-दुख में साथ निभाना है
संग तेरे आशियां बनाना है
नया जहां बसाना है।
यादों से हर कोना सजाना है
घर आंगन खुशियों से महकाना है
एक-दूसरे से इश्क फरमाना है
किलकारियों से घरोंदा चहकाना है
रिश्ते में "अहम्" को न लाना है
सबका सम्मान करना और करवाना है
नोंक-झोंक को प्यार से सुलझाना है
छोटी-मोटी गलतियों पर बड़प्पन दिखाना है......-
बताना था
बहुत कुछ था मन में
साथ इतना ही था शायद किस्मत में
तुम्हें अपना मान बैठे मन ही मन में
तुमने मन लगाया सिर्फ जिस्म में..
-
बाहों में बाहें डाल हम तुझमें खो गए
लोगों की फ़िक्र छोड़
सुकून की तलाश में
अपनी दुनिया में मशरूफ हो गए-