सोए कहां है आखों ने तकिए भिगोए हैं
कल रात खुद के लिए हम बहुत रोए हैं-
payal dubey
(पायल)
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Joined 5 October 2018
21 MAR 2022 AT 10:23
20 MAR 2022 AT 10:31
किसी को खोने से बहुत डरी हूं मैं
शायद इस डर में कहीं खुद को खो चुकी हूं-
14 APR 2021 AT 19:13
पुरुषों का ह्रदय भी उतना ही कोमल होता है
जितना स्त्री का,
क्योंकी हृदय तो हृदय होता है ना जी
जीवन कितना भी भारी ही, दर्द कितना भी गहरा हो
दिल के चीथड़े हो जाने के बाद भी जीवन झोला पुरूष भी उसी प्रकार उठाए रखता है
जिस प्रकार स्त्रियां उठाती हैं माहवारी के दिनों में भी सारी जिम्मेदारियां, और टिकाए रखती हैं अपने कदम जीवन के हर मोड़ पर।
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2 MAR 2021 AT 8:53
थोड़ा मुश्किल है हमारा बिखर जाना
हर सांझ की तरह हम ढलते नहीं हैं!
छू सके कोई हमारे दिल की मरहूम धड़कनें
इस कदर भी कभी हम मचलते नहीं हैं!!-
18 FEB 2021 AT 11:56
दिल लुटाने का इजहार हो जरूरी तो नहीं
ये तमाशा सर-ए-बाज़ार हो जरूरी तो नहीं-