यह कैसी विड़म्बना है इस ज़माने कि... कि बड़ी तकलीफ़ से कर पाते छह घंटे की क्लास एक दिन कि, ओर सपने देखते नवाब,पूरी जिंदगी आॅफिस के खुर्ची पे गुजारने की....
कभी वक्त, दिन, तो कभी साल होते हो तुम! कभी खुशबू, कभी रंगत, कभी गुलाल होते हों तुम! हर रात तुम्हें भूलकर सोते हैं हम,, फिर भी ना जाने क्यों हर सुबह का पहला ख्याल होते हों तुम!!💟
As Butterflies don't know the colour of their Wings But we human knows, Jst like that U don't how Good u r But we other's can see how special you are...💓🦋