यज्ञ है ये जीवन
आहुतियां देनी पड़ती हैं
कभी सुखों की
कभी इच्छाओं की
कभी परम्पराओं की आहुति
हम संपूर्ण हो जाते हैं
यज्ञ संपूर्ण नहीं होता
इन आहूतियों के बिना
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है वो शहर के बीचोंबीच
पर है वो शहर से कोसों दूर
उसकी अपनी अलग ही दुनिया
उस के अपने ही दस्तूर
अपराधी और हत्यारों का
ये है कराती खूब मेल
जी हां जी हां सही पहचाना
ये तो है तिहाङ जेल-
एक मोड. पर अजनबी मिला
था तो वो अजनबी
लेकिन अपना सा था
उस से मिलना जैसे एक सपना सा था
शरारतों से भरी मुलाकातें थी
दिन भी हसीं थे और रातें भी
क्षणभंगुर था सब नहीं जाना मैंने
वो किसी ओर का था
नहीं पहचाना मैंने
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मेरा नमस्कार करो स्वीकार
कैसे हैं तुम्हारे हाल चाल
सुबह से शाम शाम से सुबह
तक सब का रखते रखते ख्याल
तुम तो हो जाती होंगी बेहाल
सोच कर ही घूम जाता है मेरा तो दिमाग
कैसे छूने भर से ही तुम
लगा देती हो चीज़ों का अंबार
न चाहते हुए भी बेच ही डालती हो दो चार
गुलाम बना डाला है तुम ने अपना हमें
घर में कलह क्लेश का कारण भी बन जाती हो कई बार
क्या दे शिक्षा बच्चों को
तुम तो बन गई हो हमारे जी का जंजाल
मन तो नहीं लगता तुम्हारे बिन
फिर भी दुआ करते हैं कि बंद ही हो जाएं
ये सारी ऐप्स एक बार
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जी हाँ जी हाँ मैं नारी हूँ
जाने कितनों पर भारी हूँ
पढ़ लिख तो मैं गई मगर लेकिन अब भी मैं शोषित हूँ
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नारी
जी हाँ जी हाँ
मैं नारी हूं
जाने कितनों पर भारी हूं
मुझ को लड़ना भी आता है
मुझ को मरना भी आता है
हाँ मैं माँ यशोदा भी
और झांसी की रानी भी
मैं मीरा भी मैं गोपी भी
मैं सीता भी तो द्रोपदी भी
मुझे प्यार लुटाना आता है
जब इज्ज़त पर बन आए तो
तलवार उठाना आता है
पढ़ लिख तो मैं गई मगर
लेकिन अब भी मैं शोषित हूँ
अभी भी कौरव रावण हैं
जिन से मैं प्रदूषित हूँ
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To be a woman is
An epitome of sacrifices
Who can't live life with her own choices
One who can convert a house into home
And is an affectionate wife and mom
She is the only one who can carry both
Tears and smiles
Anger and love side by side
Fulfill all her duties without asking for any right
She is the God's beautiful creation
Who can beautifully handle all her relations
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