Sachchee Chaahat Ek Kafan Hain
Jisamen Hota Haradam Ishq Dafan Hain-
एक अनकही कहानी
एक अनकहा फ़साना
Sachchee Chaahat Ek Kafan Hain
Jisamen Hota Haradam Ishq Dafan Hain-
दर्द हैं, सवाल हैं, चाहत हैं
गुज़र गये कई दिन
फ़िर भी क्यों आने की आहट हैं-
हसरते मन के ख़्वाब बढ़ाती हैं
हद से ज्यादा मोहब्बत अकेला कर जाती हें-
मेंरी बाँसुरी की मधुर धुन र्की, तुम ताल बनोंगी
इस जन्माष्टमी क़्या तुम मेंरी राधा बनोंगी-
किसी को धोखा देकर ये मत सोचो की वो कितना बेवकूफ है
ये सोचो की उसे तुम पर कितना भरोसा था..-
हजारों ने फांसी खाई थी लाखों ने सजा पाई थीं
चरखे की आज़ादी सी से बस बटवारे की बद्बु आई थी-
ये इश्क़ हर दफ़ा दगा क्यों देता हैं
ये इश्क़ बस उसी से क्यों होता हैं-
दोस्ती रूह में उतरा हुआ वो साया हैं
जिसके आगे इश्क़ भी छोटा नज़र आया हैं-
ख़ुद को इतना अच्छा भी ना बनाओ साहब
की हर गलत चीज़ भी अच्छी लगने लगे !-