जैसे वो रखती है करवा
मेरे लिए, मेरी लंबी उम्र के लिए
मैं भी उसके लिए वैसा ही कुछ करना चाहूं।
पाया है उसे इस जीवन में मैने
इस बात का लख लख बारी शुक्र मनाऊं।
यही दुआ है कि अगले हर जनम
मैं उसे ही अपना जीवनसाथी पाऊं।
उसकी हंसी, उसकी सलामती के लिए,
आज मैं भी करवा रखना चाहूं।।-
In search of a resembling soul.
कि तुझे जितना भी देख लूं मैं
कम ही लगता है।
इज़हार ए मोहब्बत कितना भी कर लूं मैं,
मन नही भरता है।।
कि तू मेरी जिंदगी, मेरी मोहब्बत,
मेरी कायनात है।
तेरे साथ होने से मुक्कमल मेरी हर मंजिल,
खूबसूरत मेरी हर शुरुआत है।।
कि खुशनसीब हूं,
जो पाया है साथ तेरा।
कुछ बयान करने से पहले ही,
पढ़ लेती हो तुम मन मेरा।।
कि मैं तुम्हारी खुशी के लिए,
कुछ भी कर जाऊंगा।
इस जनम में, अगले हर जनम में,
और उसके बाद भी,
बस तुम्हे ही अपना बनाऊंगा।।-
तेरी मेरी ये लंबी लंबी बातें,
ये खट्टी मीठी सी नोंक झोंक,
ये प्यार भरी रातें।
जब जब देखूं तुझे,
लागे ऐसा जैसे,
तेरी आंखों में बसी हो सौ कायनातें।
एक ख़्वाब थी तू मेरा,
अब सबसे खूबसूरत हकीकत है।
जब जब देखूं तुझे,
लागे ऐसा जैसे,
तू ही मेरा हर सफर,
तू ही मेरी हर मंज़िल है।-
A casual talk started through matrimonial website turned into endless gossips.
Some obvious fears regarding the new relation turned into new excitements for upcoming life.
Initial hesitance between both of them turned into creation of lifetime memories.
They were two individuals when they first met.
Now they have become two halves of one soul.
This day, last year, a girl entered in his life.
This day, this year, that girl has become his life.
Happy one year to #DIWAN.-
तुमसे,
बहुत कुछ कहना है मुझे,
बहुत कुछ सीखना है मुझे,
अपने हाथों में तुम्हारे हाथ थाम कर,
मीलों तक चलना है मुझे।
आंखों में तुम्हारी,
अपना अक्स तलाश कर,
कुछ और बेहतर सा इंसान बनना है मुझे।
सपनों को तुम्हारे, अपना बना कर,
हर इक ख्वाब, हर इक मंजर,
जीना है मुझे।
सदियों से तुम्हारा इंतज़ार किया,
जब से हूं, तब से तुम्हें प्यार किया,
अब जब तुम सामने हो, तो तुमसे,
बस इश्क़, बेहद इश्क़, बेइंतहां इश्क़,
करना है मुझे।-
इश्क़ है जैसे इक इबादत,
सजदे में झुका सर,
और छिड़ गए मोहब्बत के तार।
इश्क़ है जैसे इक समुंदर,
डूब गया तू जब,
तब ही तो हुआ पार।-
तेरा साथ मिलने से लगता है ऐसा,
मिल गया है जैसे मुझे कोई रब जैसा।-
उसका मेरा हाथ थाम कर बस इतना सा कहना कि, "कोई बात नहीं, मैं हूं तुम्हारे साथ",
मेरे हर डर को नए हौसले में बदल गया।-
उसने पूछा, "क्यूं इतना प्यार करते हो मुझसे?"
मैंने कहा, "बस यूं ही, अब आदत सी हो गई है तुम्हारी"
उसने पूछा, "कितनी अहमियत है मेरी तुम्हारी दुनिया में?"
मैंने कहा, "बस यूं ही, अब इबादत सी करता हूं तुम्हारी"
उसने पूछा, "क्या हमेशा साथ दोगे मेरा ज़िन्दगी के इस सफर में?"
मैंने कहा, "ये जो तुम और मैं, हम बने हैं ना, यही रहेगी अब पूरी कायनात हमारी"-
तू कुछ कुछ बेबाक हवा सी है,
मैं इक सूखे पत्ते सा तुझ संग उड़ने को तरसूं।।-