जैसे वो रखती है करवा मेरे लिए, मेरी लंबी उम्र के लिए मैं भी उसके लिए वैसा ही कुछ करना चाहूं। पाया है उसे इस जीवन में मैने इस बात का लख लख बारी शुक्र मनाऊं। यही दुआ है कि अगले हर जनम मैं उसे ही अपना जीवनसाथी पाऊं। उसकी हंसी, उसकी सलामती के लिए, आज मैं भी करवा रखना चाहूं।।
तुमसे, बहुत कुछ कहना है मुझे, बहुत कुछ सीखना है मुझे, अपने हाथों में तुम्हारे हाथ थाम कर, मीलों तक चलना है मुझे।
आंखों में तुम्हारी, अपना अक्स तलाश कर, कुछ और बेहतर सा इंसान बनना है मुझे।
सपनों को तुम्हारे, अपना बना कर, हर इक ख्वाब, हर इक मंजर, जीना है मुझे।
सदियों से तुम्हारा इंतज़ार किया, जब से हूं, तब से तुम्हें प्यार किया, अब जब तुम सामने हो, तो तुमसे, बस इश्क़, बेहद इश्क़, बेइंतहां इश्क़, करना है मुझे।