वालिद ( बाप )
ना ख्वाबों की तरह था, ना ख्यालों की तरह था
वो शख़्स, इल्म-ए-रियाजी के सवालों की तरह था
उलझा हुआ ऐसा की कभी सुलझ ना सका
और सुलझा हुआ ऐसा कि मिसालों की तरह था-
दिल की गहराई से उतारता हुँ लफ्ज कागज पर
Dil walo ki Delhi 😎
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ये दस्तक ये आहटें ये आवाज
फ़क़त कानों के लिए है
जो सिर्फ दिल को सुनाई दे
उसे खा़मोशी कहते हैं-
कहानी ठीक बनती है, नजरे ठीक मिलते हैं
अमूमन वक्त अच्छा हो, तो सारे ठीक मिलते हैं
हमें तो जो मिला अपना, वही डसने में माहिर था
न जाने कैसे लोगों को, सहारे ठीक मिलते हैं-
जो आपसे सच्चा प्यार करता है
उसको आपसे कभी कुछ नही चाहीए
वो सिर्फ आपसे इतना ही चाहता है कि आप उसकी कद्र करे
उसको विस्वास दे और उस पर विस्वास करे
उसका सम्मान करे और उसका साथ दे ।।
फिर देखिए वो सख्स आप पर अपना सब कुछ
न्योछावर कर देगा ।।-
तेरे अलावा मैं अगर किसी और से इतनी मोहब्बत करता
तो यकीन मान वो शख्स मेरी इबादत करता..
कि इतनी मुश्किल से तेरा घर बनाया था इस दिल में
यह फ़र्ज़ तेरा था कि तू उसकी हिफाजत करता !
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आईने में पहले एक चेहरा हुआ करता था मैं
ये मुझे क्या हुआ क्या हुआ करता था मैं
प्यास की सूरत खड़ा हूं आज सबके सामने
कौन मानेगा कभी दरिया हुआ करता था मैं-