प्यार का नगमा जो गाते हैं, जाने कितने दर्द छिपाते हैं,
प्यार के दौर में उलफतों को जैसे तैसे निबटाते हैं,
जाइए ना किसी के प्रत्यक्ष मुखौटे पर,
करोंदिएगा जब तो पाइयेगा असल दर्शन,
ज़िंदगी बहुत ज़ालिम सी हो जाती है प्रेमियों के लिए,
दबाते ही रह जाते हैं अपने दर्द के सिलसिले।-
"रिश्ते" तोड़ने तो नहीं चाहिए,
लेकिन...
जहाँ "कद्र" न ह... read more
देखा है हमने वक्त को करीब से गुज़रते हुए,
उम्र ताकती रह गयी और अरमान धंसते गये,
वक्त के सैलाब ने ज़िंदगी को कुछ यूं बदल दिया,
कोशिशें तो बहुत कियीं पर वक्त ने मौका नहीं दिया,
रिश्ते नाते हमने मुरझाते देखे, अपनों के रंग बदलते देखे,
वक्त की आंधियों को कयी ख्बाव मिटाते देखे,
पर खड़े हम भी उन एहसासों के सहारे,
जिन्हें बहुत नाज़ से हमने थे संवारे।-
घर की चौखट नहीं है बस इक मूक दर्शक,
देखें हैं उसने बदलते दौर,पार करते सभी कदम,
कयी ऐसे थे जो अंदर तो आए पर छोड़ कर नहीं वापस गये,
कुछ एसे थे जो आये तो थे बसने स्थाई रूप से पर जल्द निकल लिए,
गवाह है यह चौखट कयी बदलते दौरों की, नये और पुराने,
पर वो तटस्थ रही अपने घर का ही साथ निभाने में।-
सत्य की खोज में गुज़र गयी पूरी जिंदगानी,
फिर भी हमने लड़ते रहने की ही ठानी,
छोटी मोटी परेशानियां जरूर भुगतनी पड़ीं,
पर इस दौर ए ज़माने के सामने टेके ना कभी घुटने,
साजिशों, रंजिशों का करते रहे सामना मुस्तैदी से बाअदब,
बाक़ी तो वक्त ही बता पाएगा कि क्या लड़े हम डटकर।-
Burning Bridges
In every relationship there exists bridges,
Connecting each other in a form abridged,
Communications and feelings are their passengers,
To reach out and to nourish feelings of each other,
But often we burn our bridge with some,
Ruling out our relationship in sum,
Regret does not,later, provide any solace,
As feelings are dead by the time we take or care,
Better it is to pause a moment to analyse and appreciate,
The foundation of relationships while they're still there,
Tomorrow may be too late for moments of reconciliation faded away.
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कारवां उजड़ गया,हम गुबार देखते रहे,
गर अपनों ने ही लूटा हो,हम गुहार किस से करें,
ऐसा होना स्वाभाविक है पर अपने उसोलों पर डटे रहें,
रात कितनी ही घनी क्यों ना हो, सवेरा भी तो अभी बाकी है,
जो भटके थे कभी उनका अंजाम देखना बाकी है।-
The doorstep is the threshold held sacred,
By family members and all friends invited,
Once you cross from inside to outside,
You desecrate it's sanctity as held high,
The world outside always seems enticing,
But pause, and reflect on the challenges lurking.-
कोई आए, कोई जाए, वक्त नहीं बदलता अपनी रफ़्तार,
बदलती नहीं हैं राहें ना ही बदलते हैं कभी मुकाम,
उन्हीं राहों पर चलते मिलेंगे वही लोग हर डगर,हर मोड़,
कब तक दौड़ते रहोगे हक़ीक़त से मुंह छिपाए ,चादर ओढ़,
जो बोया है वही मिलेगा काटने, प्रकृति ने दिया है बताय,
फिर तूं क्यों है मूर्खता में जड़ा, कुछ तो कर नियत का उपाय।-
घर होता नहीं चारदीवारी,बस व्यक्तियों से भरा,
नींव में उसकी ममता, स्नेह, आदर-सम्मान होता है पड़ा,
इन एहसासों में से एक भी जब दरअसल है खिसकता,
प्रदूषित हो जाता है उस घर का हर एक सिलसिला,
दरारें पड़ जाती है दिलों की हर दीवार पर शनै:शनै:,
हंसता खेलता घर बन जाता है खंडर, क्रमशः,
सजाया था बगिया को जिस बागवान ने बड़ी शिद्दत से,
इतिहास के पन्नों में लुप्त हो जाता है गुमनाम मुसाफ़िर बने।-
Surrendering is certainly no archaic principle,
In today's world too it's truly applicable,
Why can't we surrender our ego in relationships,
Which are the very face of our life's showmanship,
Life's lessons are learnt as we go along,
It's difficult to teach those who treat life like a song.-