Pawan Kumar   (Pank_hu)
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Joined 25 May 2018


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Joined 25 May 2018
14 JUL 2023 AT 7:56

दिल पे पथर रख कर आज हमने
अपने आप से समझौता किया आज हमने
कर दी है शुरु ज़ोरो से त्यारीं आज हमने
और ठान ली कुछ पाने की जीद हमने
होगा एक दिन बहुत नाज ख़ुदपे ,
यह यक़ीन है ख़ुदपे
की दिल पे पथर रखा आज हमने ।

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3 MAY 2023 AT 18:09

रिम झीम
और
हम तुम

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14 DEC 2022 AT 19:24

वरना हमारा भी धमाल है ,
और हम भी कमाल है ,
जो यह वर्क फ़्रोम होम,
वर्क फ़्रोम ओफ़िस है ना,
ये तो बस यूँही बदनाम है ,
असल तो कोई और परेशान है

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8 OCT 2022 AT 1:06

फिसल ना जाना तुम ,
ये दिल किसी को ,
दे ना देना तुम ,
मुझे थोड़ा सा वक़्त और दो ,
और यह हाथ थाम लो,
बिखरा हुआ तो मैं हूँ,
पर बिखर ना जाना तुम ,

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26 AUG 2022 AT 20:14

दूर जब जब तुम रहती हो,

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28 MAY 2022 AT 10:39

तू सर रखना ,
मैं तकिया बन जाऊँगा ,
तू बस हाँ कहना ,
मैं चाँद से तारे तोड़ लाऊँगा|

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24 APR 2022 AT 22:53

मैं तुम्हारी बाँहों में।

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10 MAR 2022 AT 23:58

नींद अधूरी रह जाती है,
आँख बंद रहती है ,
और सुबह हो जाती है |

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5 MAR 2022 AT 23:50

क्या रात हमारी है ,
तुम तो हो नहीं सच,
क्या परछाई तुम्हारी है,
क्या रात हमारी है ,
रात खुद एक सच्चाई है ,
पर फिर क्यों तुम ,
लगती पराई हो,
क्या रात हमारी है,
क्या रात हमारी है|

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28 FEB 2022 AT 7:16

ना दिन रहा अपना ,
ना रही अब रात ,
किससे कहे ,
दिल में जो है बात,
आलम अब यह की,
खुली रहती है किताब,
और कट जाती रात ।

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