कारनामे तेरी फितरत के यूँ मशहूर हो गये,
सनम तेरी बेवफाई के चर्चे दूर-दूर हो गये।
बाग-ए-बहिश्त को सींचा था बड़े प्यार से,
तेरी रुसवाई के पतझड़ से बे-नूर हो गये।
घर-बार छोड़ा, तेरा दर-ओ-शहर भी छोड़ा,
बेवफ़ा तेरे इश्क़ में हम ऐसे मजबूर हो गये।
पहली नज़र से आखिरी साँस तक चाहा,
फिर तुम, कब कैसे इतने मगरूर हो गये।
जब चाहा पास आए, जब चाहा चले गये,
तेरी मोहब्बत में 'इकराश़' चूर-चूर हो गये।
- इकराश़