Pawan Khare  
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Joined 6 April 2018


Joined 6 April 2018
9 JAN 2022 AT 17:16

तुमको पाने की तमन्ना ने
तो दम तोड़ दिया,
तुमसे पाया ये जो 'गम'
ये तो हमारा होगा ।
मैने खामोश निगाहों से
तुम्हें पूजा है,
अपने अरमानों की खुशबू को बिखेरा भी नहीं।
दिल में जज्बात का तूफ़ान छुपाने के लिए,
तजकरा प्यार का मैने
कभी छेड़ा भी नहीं ।
मैने खामोश निगाहों से
तुम्हें पूजा है ।

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9 JAN 2022 AT 15:13

तेरे दिल के हर कोनें में मेरा नाम हो,
हम दोनों के दिल में सुरभित-पवन शोभित हो ।
मीरा सा प्रेम तू करे
मैं श्याम बन जाऊँ...
राम सा साथी बन कर,
तेरे सूलों को भी हर जाऊँ...
सारा जीवन ,
सुरभित-पवन की सुषमा से भर जाए...
जिससे मैं ये जन्म तर जाऊँ ।

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10 SEP 2021 AT 12:39

तेरे जाने के बाद
बचा था जो तेरा प्यार...
कर दिया उसका अंतिम संस्कार।
कैसे रहता इतना अधीर...
क्योंकि आत्मा निकल गयी थी,
बचा था सिर्फ शरीर ।

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18 JUL 2021 AT 23:43

हाथ में हम हाथ लेकर प्यार से चलते रहेंगे
आँधियों में भी इसी रफ्तार से चलते रहेंगे

जो भी सिक्के मैंने ढाले सब खरे हैं देख लेना
वक़्त आने पर यही कलदार से चलते रहेंगे

रास्तों में हमक़दम थे तय किया लम्बा सफ़र
अब हैं दरिया में तो हम इक धार से चलते रहेंगे

वक़्त के मंच पर तो रोज होता है तमाशा
हम भी शामिल हो किसी किरदार से चलते रहेंगे

मैंने कुछ राहें भी ढूंढी कुछ नये रस्ते निकाले
कल इन्ही राहों पे 'सुरभित-पवन' गुलज़ार से चलते रहेंगे।


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2 JUL 2021 AT 22:37

क्यों यूंही हर मौज से उलझा करें
हम समंदर से कोई सौदा करें।

इसकी उसकी दास्तां, क्या फायदा...
इन सभी किस्सों से अब तौबा करें।

तय शुदा सूरज से हैं ये रात-दिन
आप चाहें सोयें या जगा करें।

बात दिल की अब कोई सुनता नहीं
ना लिखें 'पवन' तो फिर क्या करें।

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25 JUN 2021 AT 13:51

फूलों में जैसे है 'खुशबू' के अदृश्य शिलालेख!

उम्मीदों में है वैसा, संतापों का अनंत सैलाब।

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20 JUN 2021 AT 12:31

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20 JUN 2021 AT 10:23

पिता को परिभाषित कर दे,
मेरी लेखनी में ऐसी ताकत नहीं।
पिता को शब्दों में उतार पाना,
अकल्पनीय है।
सादर प्रणाम।

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17 JUN 2021 AT 0:13

मंज़िल कितनी दूर है?
संकल्प जितना है सघन,
मंज़िल उतनी ही निकट है।

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7 MAY 2021 AT 17:00

आजकल हर आदमी ख़ुशी पाने के लिए परेशान है।
परेशानी का कारण ये है, कि लोग ख़ुशी बाहर ढूढ़ते है...
जबकि ख़ुशी व्यक्ति के अंतरात्मा में होती है।
खुशी पाने के लिए व्यक्ति अंतरात्मा को छोड़ सारे ब्रम्हाण्ड कि सैर कर कर लेता है।
खुश रहने के सरल से उपाय -
1.परिस्थिति को स्वीकार करें।
2.बदले की भावना ना रखें।
3. लोगों को क्षमा करने की प्रवृत्ति अपनाएं।
4. धैर्य रखें , और सही समय का इंतजार करें।
5. शांत भाव से अपने कर्तव्य पर ध्यान लगाएं।
6. रोज 15 मिनट पढ़ने की आदत डालें जैसे न्यूज़पेपर या कोई किताब।
7. मोबाइल फ़ोन का जितना हो सके, कम से कम इस्तेमाल करें।
8. लोगों की मदद करें।

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