मुट्ठी से फिर कुछ और रेत फिसल गई,
लोग कहते हैं, फिर आया है नया साल,
ना बदला तू, ना बदला मैं, ना ही हालात,
बस एक और तारीख बदल गई,-
Pawan Kaul
(#merikalam_____)
170 Followers · 233 Following
Joined 14 May 2021
20 JAN 2024 AT 0:03
26 JAN 2022 AT 0:54
दो जिस्म, एक दिल, एक जान बने रहो,
दोनो परिवारों का, मान बने रहो,
आधुनिकता और संस्कारों की शान बने रहो,
सबकी आंखों के तारे और चांद बने रहो,
एक दूसरे के दिल का सूकून और आराम बने रहो,
मेरी कलम कह रही है.....
जियो कुछ इस तरह, तुम खुशी की मिसाल बने रहो,
-
2 JAN 2022 AT 22:31
तुम यूं ही मुझे सताती रहो,
दिन को रात या रात को दिन बनाती रहो,
मुस्कुराती रहो, खिलखिलाती रहो,
मैं कही भी रहू,
अपनी मौजुदगी का एहसास कराती रहो,
तुम यूं ही मुझे सताती रहो,
हर पल को मेरे महकाती रहो,
मेरे सपनों को रोज़ सजाती रहो,
चांद सी रोशनी है तुम में,
फूलो सी फिजा महकाती रहो,-