खुद को भी कुछ जानो तुम
खुद को देह ना मानो तुम
तू है गहरे सागर का मोती
बस उस अनहद को जानो तुम
तु क्षर नहीं अक्षर है जग में
फैला है तू जग की रग रग में
ये बात कीमती जानों तुम
खुद को ना तनहा मानो तुम
तू अनंत सागर का दरिया
तू ही खुद से मिलने का जरिया
सुनो बात ये कानो तुम
खुद को हद में ना मानो तुम- 💕पवन गोयल 💕
30 JUN 2019 AT 10:43