Pawan Dubey   (PawanDubey_a_writer)
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Joined 8 July 2018


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Joined 8 July 2018
1 JAN 2024 AT 10:44

नव वर्ष की सुनहरी धूप से,
उज्ज्वल हो नव उमंग का प्रकाश ।

नव दीप प्रज्ज्वलित हो मन में,
नव उल्लास का हो दर्पण ।

नव आस का हृदय में हो वास,
नव विश्वास,
यही सुंदर-सुनहरी अरदास ।।

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14 DEC 2023 AT 11:53

अनुपम सौहार्द का रिश्ता।

हृदय की आनंदानुभूति,
सुगम जीवन की पाती ।

माँ और बेटी,
हृदय और आत्मा का,
अभिष्ट मेल।

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2 DEC 2023 AT 0:37

कौन कहता है, अब हम में वो दम नही ।

अजी ! औक़ात तो हम भी दिखा सकते है ।
पर है हम आज भी,
अपने सलीक़े से कम नही ।

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27 NOV 2023 AT 13:38

जो है सिख धर्म के संस्थापक,
सिख धर्म के प्रथम गुरु ।

कार्तिक पूर्णिमा है, जन्मदिवस जिनका ।
उत्साह उल्लसित यह महत्वपूर्ण पर्व ।

गुरु नानक देव जी, है नाम उनका ।
यह प्रकाश पर्व, शुभ जयंती दिवस ।

।। जय गुरु देव ।। जय गुरुनानक ।।

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13 JUL 2023 AT 16:21

Yes !
In summers we were love to play 'Ashta-Changa' game together.
That creates fun element in our daily life.

So memorable.

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13 JUL 2023 AT 16:08

जो उदासी रह जाती है।

उसमें तेरी ही याद आती है।

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13 JUL 2023 AT 0:11

I read all poems of her.



I'll be poems of her.

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12 JUL 2023 AT 23:55

तन्हाई मुझे घेरे है क्यों !

दिल कई कश्मकश से भरा है क्यों,
तेरा अब भी इंतज़ार, मुझे है क्यों !

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12 JUL 2023 AT 12:08

मैं उसके, वो मेरे साथ थी ।

छोटी सी मुलाकात थी,
चंद लम्हों हुई वो खास बात थी ।

मुझे मिली,
वो ज़िंदगी की हसीं सौग़ात थी ।

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11 JUL 2023 AT 20:48

क्या हुआ, जो मैं छूट गया ।

खुद में, मुझको ज़िंदा रखना तुम ।

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