जी चाहता है फिर से उड़ चलूं
फिर उन्हीं फिजाओं में
जहां सुकून था बिखरा पड़ा
प्रकृति की छांव में
नदी बहती हो जहां
उन पहाड़ियों के रास्ते
बिखरे बिखरे थे जहां हर छोटे बड़े रास्ते
चल मन चल फिर चलते हैं
फिर उसी ओर
जहां सुकून है बिखरा हुआ
प्रकृति में चारो ओर-
आदत है मेरी शब्दों से खेलने की
खेल खेल में शब्दों को जोड़
कुछ न कुछ लिखने की
कभी उसकी मुस्कुराहट तो कभी
उसकी खामोशी लिख लिया करता हूं
खुद की बेचैनी को तन्हाई लिख दिया करता हूं
इक सुकून की तलाश में शब्द ढूंढ रहा हूं
जो लिख दे सुकून मेरा वो शब्दकोश ढूंढ रहा हूं
लोगों की वाह वाही नहीं सुकून की तलाश है मुझे
पल भर की मुस्कान दे मुझे ऐसा दोस्त ढूंढ रहा हूं
अरसा हुआ मुस्कुराए हुए शब्दों का समंदर है पास मेरे
उन्हीं शब्दों के समंदर में अपनी मुस्कुराहट ढूंढ रहा हूं-
उसने कहा जिंदगी तेरी है तू खुद लिख अपनी ज़िंदगी
मैं भी कलम हाथों में लिए ज़िन्दगी लिखने चला था
जो था ख्वाब में बसा उसे कागज पर लिखने चला था
नाम बस उसका ही याद था मुझे
बस एक उसी नाम को ज़िंदगी लिखने चला था
अभी लिखा ही था कि चंद बूंदें बारिश की
बहा ले गई ज़िन्दगी मेरी
अधूरा ही रहा लिखा मेरा
व्यर्थ ही मैं कुछ लिखने चला था-
अनकही ही अच्छी लगती हैं
आंखों आंखों में हो जाती है गुफ्तगू
निशब्द बातें भी अच्छी लगती हैं
इश्क में छुअन इतनी भी जरूरी नहीं
कभी कभी दूरियां भी अच्छी लगती हैं-
I see you
Animal in me
wakes up when I m aroused
fragrance of your body
makes me horny
drives me crazy
to reach your ebony-
बात अब वैसी न रही
कुछ तो बदल गया है
इस रिश्ते को जो बांध रखा था
शायद अब वो बिखर गया है
देखता हूं बातों में अब वो रस नहीं
शायद अब दिल भर गया है
बातों में वो बात नहीं जो हुआ करती थी कभी
दिलों के बीच इक दीवार दिखती है हमें
पर हमने कभी कुछ कहा नहीं
रिश्ता बस अब नाम मात्र है
शायद अब कुछ बचा नहीं-
felt it like never before
Biting her ears made her moan
Inviting me deep in her core
Sliding finger in the well
Igniting every single cell
biting lips leaving all her shy
Every push takes us on sky
body to body soul to soul
pleasing every single hole
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जाने किसके आने से
महफिल जवान हो गई
मैने जाम क्या लिया हाथों में
दुनिया हैरान हो गई
आंखों ही आंखों में जाने क्या इशारे हुए
सुरूर उनकी आंखों का था
और बदनाम शराब हो गई
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