Parwaz Rahman   (Kalam-e-Parwaz.....✍️✍️)
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22nd Feb🎂........Ranchi - Jharkhand❤️
Joined 31 December 2018


22nd Feb🎂........Ranchi - Jharkhand❤️
Joined 31 December 2018
15 MAY 2020 AT 2:55

रंग ज़रा सा साँवला है,
पर दिल की बिलकुल साफ है.

कुछ तो बात है उसकी मुहब्बत में,
हम दूर हैं लेकिन
वो मेरे दिल के इतने पास है.

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26 DEC 2021 AT 10:46

कुछ ऐसे दुख भी होते हैं,
जो दिल को मार जाते हैं..
महफ़िल से उठके अब,
मेरे भी यार जाते हैं..
मेरे कब्र की तख्ती पर,
बस इतनी बात लिख देना..
मोहब्बत जंग करती है,
तो लड़के हार जाते हैं..

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14 DEC 2021 AT 21:14

जो ढक पाता पूरा तन वो चादर मिलना मुश्किल था,
सो बदन पर डालकर मिट्टी ज़मीं पर सो गए हैं हम.

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14 DEC 2021 AT 0:59

एक बुलबुल है कहे महवे तरन्नुम अबतक,
उसके सीने में है नगमों का तालातुम अबतक.

कैदे मौसम से तबियत रही आज़ाद उसकी,
काश गुलशन में कोई समझे फरियाद उसकी.

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12 DEC 2021 AT 11:47

वो नबियों में रहमत लकब पाने वाला,
मुरादें गरीबों की वो बरलाने वाला.
ना आया कभी मेरे मुहम्मद के जैसा,
ना होगा कहीं मेरे मुहम्मद के जैसा.

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27 NOV 2021 AT 22:39

उठा ली है कलम अब अपनी जज़्बात लिख दूँगा..
जज़्बातों को पिरोह कर अल्फाज़ लिख दूँगा..
कुछ गिले कल,कुछ शिकवे आज लिख दूँगा..
दिल में छुपी हर बात लिख दूँगा..
उन बातों से अपनी फरियाद लिख दूँगा..
फरियादों में एक रिवाज लिख दूँगा..
रिवाजों से अपनी आगाज़ लिख दूँगा..
मैं इस जहान में *परवाज़ * लिख दूँगा !

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4 OCT 2021 AT 13:31

कुछ दिनों में ये वक़्त बस यादें रह जायेंगे,
मुड़के देखेंगे तो बस हसीन लम्हें याद आएंगे!
किसी को ये पल हंसाएंगे,
किसी को बहुत रुलायेंगे!
मगर बिछड़कर भी
हम आपसे से दूर नही जायेंगे ❤️.

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26 AUG 2021 AT 22:13

किसी नें पूछा नहीं अचानक
क्यों माहौल इतना नम हो गया..
कुछ पल वो ठहरा
कुछ यूँ हीं वहम हो गया..
बहुत सारी खुशियां और
एक मीठा सा गम दे गया..
तीन साल का यह सुनहरा सफर
इन तीन घंटों में ख़तम हो गया..

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25 AUG 2021 AT 9:20

खेल गयी थी जो कभी मेरी जज़्बात से,
खेल गयी थी जो कभी मेरी जज़्बात से.
गुलाब जामुन चुरा लाया हूं
उसकी बारात से!

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8 AUG 2021 AT 15:06

सुना है बहुत बारिश हुई है तुम्हारे शहर मे,
ज़्यादा भीगना मत.
अगर धूल गयी सारी गलतफहमीयां
तो बहुत याद आएंगे हम

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