अब चलेंगे सलीका-ए-छाता ले कर पता नहीं कब बेशर्म मोहब्बत की बारिश हो जाये .. - दर्द-ए-ख़ास
अब चलेंगे सलीका-ए-छाता ले कर पता नहीं कब बेशर्म मोहब्बत की बारिश हो जाये ..
- दर्द-ए-ख़ास