और वो वक़्त के आगे निकल गया मुझे अकेला छोड़ के..?
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Parvez Ahamed
(दर्द-ए-ख़ास)
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Joined 21 July 2017
14 NOV 2019 AT 0:30
मुझे इल्जाम देने वाले
तेरी दी हुई मोहब्बत
मुझे अब खैरात सी लगती है।
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14 JAN 2022 AT 11:35
मैं किसी के लिए दुआ नहीं करता ।
मुझसे ज़्यादा खुश हैं ज़माने वाले ।।-
7 JUL 2020 AT 23:20
ख्वाबों को दवा दी है चैन की नींद सुलाया है हकीकत को अब दुआ की जरूरत होने लगी है।।
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20 JUN 2020 AT 22:39
ख़यालों में कांटे चुभते है जब फूलों का तस्सवुर करता हूँ ,
तुम पागल सा एहसास हो जब मैं तुम को अपने मे गिनता हूँ।।-