बाजी,
बचपन से मेरी हर ख्वाहिशों को पूरी करती आयी हो तुम,
मेरी हर गलती पर डांट लगती आयी हो तुम,
जो तुम्हे न मिला वो मुझे मिलना चाहिए ऐसा सोच के मुझे सबकुछ देते आयी हो तुम,
माँ से ज्यादे मेरा ख्याल रखते आयी हो तुम,
रोज मेरा हाल पूछने के लिए कॉल करती आयी हो तुम,
जिसदिन मुझसे बात न हो परेशान रहती हो तुम,
सब कहते हैं कि हमदोनो बहनो की सोच मिलती है।
पर, इन दिनों कुछ बदल सी गयी हो तुम,
न अब मुझे बेवजह कॉल करती हो तुम,
अब बात किये बगैर भी रह जाती हो तुम,
हमारे रिश्ते को पता नही किसी की नज़र लग गयी है या मैने ही कोई गलती करदी है,
अगर गलती हुयी है तो अपनी छोटी बहन को माफ़ करदेना तुम,
क्यूंकि मुझे बहुत तकलीफ़ देता है आपका न बात करना।
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