ਇਹ ਨਾ ਸਮਝੀ ਯਾਰਾ ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਮਤਲਬ ਦੀ ਹੀ ਯਾਰੀ ਸੀ
ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਤਾ ਗ਼ੂੜਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਸੀ ਸਾਡਾ ਕੁਝ ਹਾਸਿਆਂ ਦੀ ਸਾਝੇਦਾਰੀ ਸੀ
ਜਿਹੜੀਆ ਰੂਹ ਨੂੰ ਹਲਕਾ ਕਰ ਜਾਦੀਂਆ ਨੇ ਉਹ ਗੱਲਾ ਦੀ ਗਠਰੀ ਭਾਰੀ ਸੀ
ਨਾ ਸੜਦੇ ਸੀ ਥੋੜਾ ਲੱੜਦੇ ਸੀ ਫਿਰ ਰਲ਼ ਬਹਿੰਦੇ ਦੂਜੀ ਵਾਰੀ ਸੀ
ਹਰ ਦੁੱਖ- ਸੁੱਖ ਆਪਾ ਵੰਢਦੇ ਸੀ ਦਸ ਸਾਡੀ ਕਿਹੜੀ ਮਲਾਜ਼ੇਦਾਰੀ ਸੀ
ਅਸੀ ਭੁੱਲਕੇ ਆਲ਼ੇ ਦੁਆਲੇ ਨੂੰ ਲਾਈਆ ਰੌਣਕਾਂ ਲੱਖਾ- ਹਜਾਰੀ ਸੀ
ਜਿਹੜੇ ਨਾਲ ਬੀਤੇ ਸੋਹਣੇ ਪਲਾ ਦੇ ਵਿੱਚ ਸਾਡੀ ਦੋਹਾਂ ਦੀ ਹਿੱਸੇਦਾਰੀ ਸੀ
ਵੈਸੇ ਤਾ ਮੈ ਵੀ ਬੁੱਧੂ ਹਾਂ ਪਰ ਤੇਰੇ ਚ ਵੀ ਖਾਸ ਸਮਝਦਾਰੀ ਨਹੀ
ਪਰ ਰੁੱਸ ਕੇ ਨਾ ਬੈਅ ਜਾਈਂ ਸੋਹਣਿਆ ਵੇਂ
ਅਸੀ ਮਿਲਣਾ ਦੂਜੀ ਵਾਰੀ ਨਹੀ
ਅਸੀ ਮਿਲਣਾ ਦੂਜੀ ਵਾਰੀ ਨਹੀ
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इक गुस्से की वजह से
हम कितने अलग हो गए।।
सही मै गलत तुम के
चक्कर मे रिश्ते कही खो गए।।-
अगर बिन बताए आप किसी के दिल का हाल समझते है तो ये आपकी खूबी है।।
परन्तु अगर आशा रखते है कि बिन बताए वे शख्स भी आपको समझता है तो ये आपकी बेवकूफी है।।-
कल तक मै टूटी थी, अपने आप से ही रूठी थी।।
अब मै अकेली हूँ, अपने आप की सहेली हूँ।।-
हर बार लिखने की कोशिश करती हूं
पर शब्द कही खो जाते है
और अगर शब्द मिल भी जाए तो
परिस्थितियाँ अनुकूल नही रहती
खैर परिस्थितियाँ कभी एक सी नही रहती
सही परिस्थितियों में सही शब्दों का चयन करके मैं तेरे बारे में जरूर लिखूँगी " इंसानियत "-
रात सोचती रही और सोचते सोचते सुबह आ गई।।
पीली किरणों के साथ आँखो मे नमी छा गई।
आँखो ने पूछा सुबह से इतनी देरी कहा हुई है।
जवाब उसका था कि
मेरे देर से आने से तेरी आँख कयूं रोई है।
पोँछ मेरे आँसूओ को उसने इक नई उम्मीद जगाई है।
अँधेरो से गुजरते हुऐ वो सिर्फ मेरे लिए आई है।
तेरे हौंसलो के सदके मैने ये दोस्ती निभाई है।
थोड़ी देर हुई तो तू क्यूं घबरा गई।
इतना कहके मेरी सुबह मुसकुरा गई।
रात सोचती रही और सोचते सोचते सुबह आ गई।।
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ये साल भी यादगार रहा;
साल वो भी यादगार था।।
साल तो सालो साल आते जाते रहे है;
लेकिन यादें कभी नही जाती।।-
जनवरी का पहला दिन है,नये-नये ख्वाब दिखाएगा।।
नये साल का हाल तो, दिसंबर ही बताएगा।।-
चलो इक नई शुरूआत करते है,
नये साल पर कुछ नई बात करते है।।
तुम भूल जाओ मेरी गलतियो को
और मै भी कोई शिकवा न रखूं।
चलो गुजरे साल के साथ गुजर जाए गम,
ऐसे हालात करते है।
कुछ नजरअंदाज करके बेवफाईयों को;
बीते साल की कुछ वफाऐं याद करते है।
हम बैठे आमने सामने और चेहरे पे सिर्फ हँसी हो,
नऐ सफर मे पुरानी रंजिशे नाकाम करते है।
चलो इक नई शुरूआत करते है;
नये साल पर कुछ नई बात करे है।।
Happy new year to all❤❤-
लिखते लिखते मन मे ये ख्याल आया है।
बनाने वाले ने इस कलम को क्या खूब बनाया है।।
जैसे ही इसे अपने अहसासो की सियाही मे भिगाया है।
कोरे कागज की किस्मत मे रंग भर आया है।।-