Parveen Bhagat   (Parveenbhagat)
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# कागज पर लिखे लफ़ज भी क्या कमाल का गजब ढाते है।लोग पढ़ते है और जज्बाती हो जाते है✒
Joined 13 July 2020


# कागज पर लिखे लफ़ज भी क्या कमाल का गजब ढाते है।लोग पढ़ते है और जज्बाती हो जाते है✒
Joined 13 July 2020
5 JUN 2021 AT 14:38

ਇਹ ਨਾ ਸਮਝੀ ਯਾਰਾ ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਮਤਲਬ ਦੀ ਹੀ ਯਾਰੀ ਸੀ
ਤੇਰੇ ਨਾਲ ਤਾ ਗ਼ੂੜਾ ਰਿਸ਼ਤਾ ਸੀ ਸਾਡਾ ਕੁਝ ਹਾਸਿਆਂ ਦੀ ਸਾਝੇਦਾਰੀ ਸੀ
ਜਿਹੜੀਆ ਰੂਹ ਨੂੰ ਹਲਕਾ ਕਰ ਜਾਦੀਂਆ ਨੇ ਉਹ ਗੱਲਾ ਦੀ ਗਠਰੀ ਭਾਰੀ ਸੀ
ਨਾ ਸੜਦੇ ਸੀ ਥੋੜਾ ਲੱੜਦੇ ਸੀ ਫਿਰ ਰਲ਼ ਬਹਿੰਦੇ ਦੂਜੀ ਵਾਰੀ ਸੀ
ਹਰ ਦੁੱਖ- ਸੁੱਖ ਆਪਾ ਵੰਢਦੇ ਸੀ ਦਸ ਸਾਡੀ ਕਿਹੜੀ ਮਲਾਜ਼ੇਦਾਰੀ ਸੀ
ਅਸੀ ਭੁੱਲਕੇ ਆਲ਼ੇ ਦੁਆਲੇ ਨੂੰ ਲਾਈਆ ਰੌਣਕਾਂ ਲੱਖਾ- ਹਜਾਰੀ ਸੀ
ਜਿਹੜੇ ਨਾਲ ਬੀਤੇ ਸੋਹਣੇ ਪਲਾ ਦੇ ਵਿੱਚ  ਸਾਡੀ ਦੋਹਾਂ ਦੀ ਹਿੱਸੇਦਾਰੀ ਸੀ
ਵੈਸੇ ਤਾ ਮੈ ਵੀ ਬੁੱਧੂ ਹਾਂ ਪਰ ਤੇਰੇ ਚ ਵੀ ਖਾਸ ਸਮਝਦਾਰੀ ਨਹੀ
ਪਰ ਰੁੱਸ ਕੇ ਨਾ ਬੈਅ ਜਾਈਂ ਸੋਹਣਿਆ ਵੇਂ
ਅਸੀ ਮਿਲਣਾ ਦੂਜੀ ਵਾਰੀ ਨਹੀ
ਅਸੀ ਮਿਲਣਾ ਦੂਜੀ ਵਾਰੀ ਨਹੀ

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29 MAY 2021 AT 8:55

हर बार लिखने की कोशिश करती हूं
पर शब्द कही खो जाते है
और अगर शब्द मिल भी जाए तो
परिस्थितियाँ अनुकूल नही रहती

खैर परिस्थितियाँ कभी एक सी नही रहती
सही परिस्थितियों में सही शब्दों का चयन करके मैं तेरे बारे में जरूर लिखूँगी " इंसानियत "

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26 JAN 2021 AT 10:35

रात सोचती रही और सोचते सोचते सुबह आ गई।।
पीली किरणों के साथ आँखो मे नमी छा गई।
आँखो ने पूछा सुबह से इतनी देरी कहा हुई है।
जवाब उसका था कि
मेरे देर से आने से तेरी आँख कयूं रोई है।
पोँछ मेरे आँसूओ को उसने इक नई उम्मीद जगाई है।
अँधेरो से गुजरते हुऐ वो सिर्फ मेरे लिए आई है।
तेरे हौंसलो के सदके मैने ये दोस्ती निभाई है।
थोड़ी देर हुई तो तू क्यूं घबरा गई।
इतना कहके मेरी सुबह मुसकुरा गई।
रात सोचती रही और सोचते सोचते सुबह आ गई।।

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17 JAN 2021 AT 9:22

इक गुस्से की वजह से
हम कितने अलग हो गए।।
सही मै गलत तुम के
चक्कर मे रिश्ते कही खो गए।।

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4 JAN 2021 AT 10:12

अगर बिन बताए आप किसी के दिल का हाल समझते है तो ये  आपकी खूबी है।।
परन्तु अगर आशा रखते है कि बिन बताए वे शख्स भी आपको समझता है तो ये आपकी बेवकूफी है।।

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1 JAN 2021 AT 10:34

ये साल भी यादगार रहा;
साल  वो भी यादगार था।।
साल तो सालो साल आते जाते रहे है;
लेकिन यादें कभी नही जाती।।

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1 JAN 2021 AT 10:24

जनवरी का पहला दिन है,नये-नये ख्वाब दिखाएगा।।
नये साल का हाल तो, दिसंबर ही बताएगा।।

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1 JAN 2021 AT 10:17

चलो इक नई शुरूआत करते है,
नये साल पर कुछ नई बात करते है।।
तुम भूल जाओ मेरी गलतियो को
और मै भी कोई शिकवा न रखूं।
चलो गुजरे साल के साथ गुजर जाए गम,
ऐसे हालात करते है।
कुछ नजरअंदाज करके बेवफाईयों को;
 बीते साल की कुछ वफाऐं याद करते है।
हम बैठे आमने सामने और चेहरे पे सिर्फ हँसी हो,
नऐ सफर मे पुरानी रंजिशे नाकाम करते है।
चलो इक नई शुरूआत करते है;
नये साल पर कुछ नई बात करे है।।

Happy new year to all❤❤

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13 DEC 2020 AT 15:33

लिखते लिखते मन मे ये ख्याल आया है।
बनाने वाले ने इस कलम को क्या खूब बनाया है।।

जैसे ही इसे अपने अहसासो की सियाही मे भिगाया है।
कोरे कागज की किस्मत मे रंग भर आया है।।

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16 NOV 2020 AT 2:43

ਮੇਰੀ ਲਾਚਾਰੀ ਨੂੰ ਦੇਖਕੇ ਮੌਤ ਵੀ ਰੋਂਦੀ ਹੋਵੇਗੀ;
ਕਿਉਕਿ ਉਹ ਵਕਤ ਤੋ ਪਹਿਲਾ ਆ ਨਹੀ ਸਕਦੀ,
ਤੇ ਮੈ ਵਕਤ ਤੋ ਪਹਿਲਾ ਜਾ ਨਹੀ ਸਕਦੀ।।

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