जब जिंदगी का मतलब , जिंदगी न रहे ।
बहुत कुछ होते हुए भी, कुछ न रहे ।
हर पल चलती जिंदगी भी, हर पल थमती रहे।
बहुत कुछ कहना चाहे, मगर निशब्द होते रहे।
तब लिखी जाती हैं, एक कविता।
शब्दों के सहारे, बहुत कुछ कह जाती हैं, मेरी एक कविता।
मेरी एक कविता।
जब जिंदगी आसान नहीं , दुर्गम होती रहे।
हर एक निराशा , जिंदगी को हताश करती रहे।
जब हर एक अरमान भी , आंखो से ओझल होते रहे।
तब मेरे अंदर की सारी हलचल को , बयान कर जाती हैं बस, मेरी एक कविता।
मेरी एक कविता।
#पारुल #
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मैं कोई लेखक या शायर तो नही ,
मगर एक कोशिश है कु... read more
वो मंजिले भी सर झुका देगी,
जब तेरी जिद्द भी आसमां की होगी..
वो सफलता भी सर झुका देगी,
जब तेरा हर दिन ओर हर रात बस मेहनत की होगी...
वो हर एक कोशिश भी कामयाब होगी..
जब तेरी हर एक कोशिश जुनून से भरी होगी...
वो आसमा भी होगा, वो जमीं भी होगी.
एक दिन ये जमाना क्या, तेरी पूरी दुनिया होगी...
जब तुझे तेरे लक्ष्य की प्राप्ति होगी....
वो मंजिले भी सर झुका देगी...
जब तेरी जिद्द भी आसमा की होगी... 😎😎
Parul Rathaur
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एक कदम तो बड़ा, रास्ता खुद बन जायेगा।
इस अंधरे से तो निकल , उजाला खुद नजर आयेगा।
उठ खडा हो हर बार तू, हर बार सम्भल जाएगा ।
यूँ सम्भलते सम्भलते एक दिन कारवां अपना बना जाएगा।
तोड़ दे बुरे वक़्त की बेडियाँ को,achha वक़्त तेरा आयेगा।
ना उदास हो आज तू , एक दिन खुशी का मन्जर छायेगा।
चलता जा यूँ , चलते चलते हर हार को हार चटा जाएगा।
एक दिन वक़्त तेरा आयेगा, जब हर कोई हार पहनाएगा ।
लाखों तखलीफे आयेगी..
तू सब कुछ सहता जायेगा, हौसला रख रास्ता खुद बन जायेगा ।
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जन्म लिया मनुज का
मनुजता सीख लायी गुरु ने।
मेरे अंधकारित जीवन को
प्रकाशित किया गुरु ने।
जब भी मैं डगमगायी ,
हर बार उठाया गुरु ने।
जब भी कभी नाकामयाब हुयी,
हर बार आत्मविश्वास दिलाया गुरु ने।
मेरे हर अंधकारमय मार्ग में,
एक रोशनी का दिपक जलाया गुरु ने।
हर किताब की शिक्षा से लेकर,
जिन्दगी का हर पाठ सिखाया गुरु ने।
आज अभिमान का भाव मिटा,
मुझे स्वाभिमान बनाया गुरु ने।
जरा सी भी न मोहमाया उनमे ,
निष्टा से करते हर कार्य है।
हर एक युग में अर्जुन बनाते ,
वो द्रोणाचार्य है।
झुकती पूरी दुनिया उनके आगे,
सबसे ऊचा उनका कद है,
तीनो लोकों में ऊँचा उनका पद है
ऐसे देवता रुपी गुरुजनो के चरणों में
मैं कोटि कोटि नमन करू सत बार।।🙏🙏🙏
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क्या इस बार भी मेरी हार होगी, बस मन में यही द्वन्द रहता है।
जीतना तो मुझे है, मगर मेरा कुछ नही होगा ये जग कहता है।
बार बार यूँ , मेरी कोशिशों का परिणाम पूछ,
बार बार यूँ ताने दे, बस ये जग हँसता है।
बस चलती रह यूँ राह में, अगर एक कोशिश नाकाम भी होगी ,
तो एक जरुर मंजिल से मिलाएगी, ये मेरा मन कहता है।
अभी वक़्त अपना नही , मगर एक दिन तो अपना होगा,
वक़्त पर अपना भी राज होगा, ये आज का वक़्त कहता है।
यूँ हर बार हार कर, जितने का मन हर बार करता है,
हर हार को मिट्टी चटा तू , ये मेरा जज्बा कहता है।
एक दिन जीत कर , खुशी के आसू होंगे,
गम के आसू खुशी में बदलेगे, आज मेरा ये मायुस मन कहता है।
-Parul rathore
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Part -(1) college life🤩🤩
आज कुछ लिखने का मन किया तो वो बीते पल याद आये।
बढती जिन्दगी में , कुछ गुजरे पल नजर आये।
बात उन दिनों की है जब 11th ka first day था।
नये स्कूल में जाने की खुशी के अलावा ओर कुछ न था।😊😊
फ़र्स्ट डे ,स्कूल में कुछ दोस्तो से मुलाकत हुई।
दोस्ती से ज्यादा , बस दुश्मनी की शुरूआत हुई।😀
लगता था, पढ़ने नही , युध्द लड़ने जाते थे।😂
बस छोटी-2 बातों पार , लड़ने बैठ जाते थे।
हर दिन classroom में हज़ारो मस्तियाँ करते थे।
हर किसी को तंग करना तो, हर किसी को परेशान करते थे।
कुछ दोस्तगण तो अध्यापकों को भी ना छोड़ा करते थे।🤣
Chemistry teacher ko चींटा, physics teacher ko
कौवा, तो biology teacher ko कबूतर बुलाया करते थे😂😂
Wo din भी क्या दिन थे,न पढ़ने की फिक्र, न जिन्दगी की फिक्र थी।
ओर कुछ हो ना हो, वस अपने दोस्तों को, टीचर से पिटवाने
की ट्रिक थी।😂
हर चीज में मस्तियाँ तो , हर चीज में पागलपन्ती हुआ करती थी।
Chemistry lab में हर दिन laughing gas बनाने की practice हुआ करती थी।🤩
हर दिन , पढ़ाई से ज्यादा बस अपने बैग की safety का ख्याल रहता था।🤩
क्युकी, लंच से पहले ही, lunch box न उड़ने का डर रहता था।🤣
वो first day ही लास्ट डे कब बन गया पता ही न चला।
उस classroom की सारी मस्तियाँ कब याद बन गयी पता ही। ना चला ।😕
-Parul rathore
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एक जिन्दगी इतनी प्यारी मिली है।
कुछ रोती हँसती ज़िन्दगानी मिली है।
खुशी कभी आती तो , कभी खुशी जाती दिखी है,
हर खुशी जिन्दगी के पीछे दर्द भरी कहानी मिली है।
कटती हुई जिन्दगी की , कहानी उलझी हुई है,
कोई सुलझी तो , कोई मेरी जिन्दगी की उलझाती मिली है।
एक मोड़ अब ऐसा सम्भालने का आया।
दिल को इसी उम्र में ढेरों बिमारी मिली है।
साथ चलती जिन्दगी के कुछ उम्मीदें चली है,
यही से तो जिन्दगी ज़ीने की असली वजह मिली है।
कुछ अपनो तो कुछ परायो का साथ दिखा ,
साथ में कुछ यारो की सवारी भी मिली है।
जिन्दगी मिली शुक्र है , किसी को कम , किसी को ज्यादा,
सांसों में भी कहा किसी को इतनी बराबरी मिली है।
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मुझे नशा YQ का हो गया है।
ये न पढ़ने देता है, न ही कुछ करने देता है
बस रात दिन अपने ख्यालों में डुबोये रखता है-
मैं सही तू गलत, ना मैं सही तू गलत, इन्सान बस इसी बहस में रह गया।
और एक छोटा सा वायरस आ, जंग जीत गया।-
आपकी तारीफ में क्या कहूँ मैं,शायद जितना भी कहूँ कम ही होगा फिर भी कुछ तो कहूँगी, 😂😂
आपकी हर एक रचना बहुत ही सुन्दर , जो हर सत्यता से अवगत कराती है।👌👌👌
आपकी हर एक रचना , हर एक भावना को achhe से बयान करती है।
आपकी रचना हर एक भावना को, हर एक निर्जीव चीज को , अपने शब्दो के खेल से ,जान डाल देती है😊😊😊😊
आपका दिल से आभार जो आपकी रचना पढ़ने का हमें सौभाग्य मिला🤗🤗🤗🤗🙏🙏
सर ऐसे ही आप सुन्दर रचनाएँ करते रहिये, एक दिन आपका यही नाम बुलंदियों को छुयेगा ✨✨✨✨
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