मैने नही माना तुम्हे ईश्वर अपना... मेरी आस्था भी तुम मे नही है... मै नही पूज पाती हूँ तुम्हे कभी...
फिर भी तुम्हारे सामने वैसे ही बैठे रहना चाहती हूँ मै,
जैसे बैठती हूँ अपने ईश्वर के आगे... एकटक देखना चाहती हूँ तुम्हे, जैसे देखती हूँ अपने ईश्वर को प्रेम से... तो कभी बंद करके अपनी आंखें, खो जाना चाहती हूँ भक्ति में तुम्हारी...
मैने नही माना तुम्हे अपना ईश्वर... पर मेरे ईश्वर की जगह हो तुम...
#_Parul-
जब दूसरे, आपकी खुशियों का आधार बन जाए..
तो समझ लीजिए, आप जीवन की एक अहम परीक्षा में विफल हुए हैं...
#_Parul-
कभी कभी लगता है,
'मन' को एक शरीर की नही, बल्कि एक घर की ज़रूरत है जहाँ वो रहे सुकून से, अकेला..
ना वो कुछ सोचे, ना वो कुछ समझे.. बस शान्त रहे.. बस शान्त...
#_Parul-
प्रेम में/पर थोड़ा संदेह होना भी आवश्यक है..
व्यक्ति, समरूप प्रेम से ऊब सकता है..
थोड़ा संदेह प्रेम को रोमांचक और नवीन बनाए रखता है...
#_Parul-
मृत्यु... आकर एक पल में अपना काम कर जाती है... कितनी धनी है मृत्यु...
जीवन... करता रहता है मेहनत पूरे समय फिर भी... कितना दरिद्र है जीवन ...
#_Parul-