Parul  
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Delhi
मैं लिखती हूँ अपने लिए अपनी ही बातों को
ताकि जान सकु सालो बाद अपने ही जज्बातो को।
Joined 16 October 2018


Delhi
मैं लिखती हूँ अपने लिए अपनी ही बातों को
ताकि जान सकु सालो बाद अपने ही जज्बातो को।
Joined 16 October 2018
4 FEB 2023 AT 2:34

कितना कुछ भरा हुआ है अंदर वो किसी को बयाँ नहीं क़र पाती
शायद वो किसी का अहसान या सहानभूति लेना नहीं चाहती !
अगर गलती से गिर जाये दो अश्रु आँखों से
तो कऱ देती है बहाना
ये दिल्ली की सर्दी मुझे रास नहीं आती!

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12 JAN 2023 AT 3:18

Putting status on Instagram
after hinding from your bestfriend's
is other level of insecurity..

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29 NOV 2022 AT 15:04

क़िसी रोते हुए सक्ष के आँसू पुछू कैसे
मैं खुद अंदर से टूटी हुए हुँ
किसी ओर को जोडू कैसे !

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2 NOV 2022 AT 23:44

मुझे लगने लगा अपना शहर ही अनजान
जब मैंने
मुखौटे के अंदर के शक्श को देखना सिख लिया !


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31 OCT 2022 AT 2:26

ना मिलने का अगर मुझसे
वादा कर सको तो
अपनी कहानी तुम्हे भी बताएंगे !

वरना मैंने तो अक्सर
अपनों से ही चोट खायी है!

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27 OCT 2022 AT 4:17

तुम दिवाली की शाम की रौनक
और मैं
उससे अगले दिन का ख़ालीपन हुँ!

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23 OCT 2022 AT 0:40

अब मैंने अपना रास्ता मोड़ लिया

निकल गयी हूँ किसी नए रास्तें पर
कुछ इस तरह मैंने अपने आप से
फिर से नाता जोड़ लिया !

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17 JUN 2022 AT 3:26

I found myself.

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16 JAN 2022 AT 21:30

I look at the sky you are the glowing star.
When I say to I miss you.
You become the shooting star.

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15 JAN 2022 AT 22:48

December to January
So close but can't relate.

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