एक ऐसा समय आता है ज़िन्दगी मे,
कहा जाये और किसका साथ देय पता नहीं चलता,
एक का साथ दिया तो दूजा बुरा मान जाता है ।
बीबी और माँ-बाप की तकरारें,
बीबी सही होती है अपनी जगह और माँ-बाप भीं,
माँ-बाप ने पूरी ज़िंदगी लुटाईं है हम को खड़ा करने मे,
और बीबी अपना घर छोड़ कर आयी है अपने लिये ।
संभाल लेता हूँ इस पारिस्थिति को,
पर सबसें विकट स्थिति हैं ज़िंदगी की ।
-