मैं लिखूंगा तुम्हें और बेहिसाब लिखूंगा
कुछ पंक्तियां नहीं पूरी एक किताब लिखूंगा-
काश एक दिन ऐसा भी आए, तू आकर फिर ना जाए
मेरे हाथों में तेरा हाथ हो, जैसे हर सुबह की ताजगी हो
तेरे बिना दिल का सुना है, तेरे संग हर दिन महकदार हो-
सुकून कुछ तो मिला दिल का माजरा लिख कर लिफ़ाफ़ाफाड़ दिया फिर तेरा पता लिख कर
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अधूरा प्यार अधूरा इंतजार....!
अधूरी जिंदगी का अधूरा सा ख्वाब.....!!-
महसूस तो होती है पर मुकम्मल नहीं होती
कुछ हसरतें आँखों में रहती हैं इंतज़ार बनकर-
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो,
क्या ग़म है जिस को छुपा रहे
हो आँखों में नमी हँसी लबों
पर, क्या हाल है क्या दिखा
रहे हो बन जाएँगे ज़हर
पीते पीते, ये अश्क
जो पीते जा रहे हो
जिन ज़ख़्मों को वक़्त
भर चला है, तुम क्यूँ उन्हें
छेड़े जा रहे हो रेखाओं
का खेल है मुक़द्दर
रेखाओं से मात खा रहे हो-
सखे माझ्या काळजाची एकदा हाक ऐक तू
शब्द माझा हळवा, तो शब्द माझा राख तू-
बेइंतहा मोहब्बत का कुछ युं हुआ हाल
बारिश होकर भी भिगे नहीं फिलहाल-