Parinde_bysoul   (©Richa)
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Joined 21 September 2019


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Joined 21 September 2019
17 AUG AT 9:52

यार मेरे जैसे ,कितने नाकाम लोग होंगे
हारे होंगें हालात से या मन को मारे होंगें
बैठे होंगें सोच में, कभी रोए बेजार होंगें
एकटक दृष्टि शून्य में, शून्य विचार होंगें

अंधियारे से मन में, कैसे साहस भरते होंगें
तानों भरी महफ़िल में,कैसे मौन विचरते होंगें
एक अलग सी दुनियां में, कैसे रंग चुनते होंगें
यार साहसी लोग हैं वो,बार बार जो उठते होंगें

कलम नहीं,हथियार है उनका,नई राह जो चुनते होंगें
कठिन-कठिन कठिनाई से लड़कर,रोशन घर-संसार करते होंगें
नहीं लिखा है किस्मत में,लोग तो चर्चे करते होंगें
मेहनत मेहनत और लगन यही तो किस्मत बदलते होंगें

यार! देख विश्राम नहीं,चल पड़ तू अविराम अभी
एक सुनहरा अवसर है,फिर सुनहरा तेरा कल है
यार मेरे तू ठान अभी,रोशन समय,तू जाग अभी
तू जाग अभी,तू जाग अभी,तू चल अभी,विश्राम नहीं।

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8 JUL AT 18:31

एक ही ख्वाब था
एक ही हकीकत
ख्वाब सच हुआ
हकीकत बदल गई
कतरा कतरा मेहनत
और फिर
जिंदगी संवर गई

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28 JUN AT 22:16

Rich by heart

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28 JUN AT 22:14

You are my safest place

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28 JUN AT 19:51

अनंत, अपार, निश्छल
प्रगाढ़, प्रतिष्ठा, निष्कपट

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25 JUN AT 19:43

एक दिन संघर्षों से तंग आकर व्यक्ति संघर्ष करना ही छोड़ देता है,वह स्वयं मौत तो नहीं चुनता लेकिन जिंदगी की सकारात्मकता को भी नही चुनता।जो हो रहा होता है उसे ही जीवन का अटल सत्य मान कर स्वीकार कर लेता है,जीवन शक्ति शेष नहीं रहती उसके अंदर...।ऐसे में एक अच्छा और सच्चा मित्र उसके जीवन को एक नई दिशा एक नया मोड़ दे सकता है।

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25 JUN AT 10:20

जिम्मेदारियों से भरे
इश्क से ज़ी चुराते लड़के
दिखते तो हैं सुलझे
वो बड़े बांवरे से लड़के

जेबों में खनकते ख़्वाब हैं मगर, 
हकीकत से कदमताल मिलते लड़के
गांव की पगडंडियों पर दौड़ते, 
शहर की विरानी में लड़खड़ाते लड़के

बहन के स्नेह, मां के दुलार,
पिता की डांट को, दिल में बसाए, 
रसोई में रोज रोटी जलाते लड़के

परदेश में आकर देशी नुस्कों से,
बॉस को रोज रिझाते लड़के
आंखों की नमीं, अपनों की कमी को
दोस्तों संग बांटकर,
जिंदगी हसीं बताते लड़के

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24 JUN AT 10:39

धीरे धीरे वाकिफ इक सच से हो रहे हैं
अपनों से हासिल तोहफे ए गम हो रहे हैं

एक मशाल से रोशन जो शहर हो रहे हैं
जानना किसको कैसे क्यूं हो रहे हैं

आईने के शख्स झूठे तिलिस्म हो रहे हैं
नफरत ए बारूद क्यूं दिलों में बो रहे हैं

साए अपने ही खुद से बेखौफ हो रहे हैं
क्या सच के समंदर से दूर हो रहे हैं

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24 JUN AT 10:23

न प्रलय करो
सुख दुख के साथी
जब तुम
मैं कैसे भ्रमित रहूं

कर्म करो
न रूदन करो
मेहनत करते हो
जब तुम
फिर क्यूं झूठ की राह चुनो

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22 JUN AT 8:30

जिंदगी
हार हो या जीत
अपना हो या अजनबी
सुख हो या दुःख
प्यार हो या नफरत
कुछ न कुछ सीखा देती है जिंदगी

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