Pari Awasthi   (पRi)
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Poetry has its own pleasure.
Joined 23 March 2019


Poetry has its own pleasure.
Joined 23 March 2019
29 MAY 2022 AT 11:35

जब लाल वाली तितली मेरे हाथ से निकल गई,
ऐसा लगा बचपन में जैसे मेरी जान निकल गई।
पीछे-पीछे भागी मैं उसे पकड़ने के लिए,
हाथ आई वो फिर हाथ से निकल गई ।
एक छोटी सी तितली ने कितना भगाया ,
कभी हंसाया, कभी खूब रुलाया।
यूं तो सारी तितलियां मुझे बहुत अच्छी लगती थी,
पर उस लाल वाली तितली में न जाने क्यों मेरी जान बसती थी।
देख उसे मैं चहक उठती थी
फूलों पर बैठकर लाती थी वो महक
मैं उस महक से महक उठती थी।

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1 DEC 2021 AT 20:44

एक जिंदगी, ख्वाब हजार!

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1 DEC 2021 AT 20:32

एक जिंदगी, ख्वाब हजार !

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5 OCT 2021 AT 8:34

जैसे नदी में बहता निर्मल पानी ,
जैसे बहती हो पवन मस्त सुहानी।
जैसे चुनरिया कोई खूबसूरत धानी,
हां, मैं ही उनकी प्रथम कहानी।

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4 OCT 2021 AT 15:13

तुम बिन वीरानी है वृंदावन की गलियां ,
विरह में जल रही हैं तुम्हारी प्यारी गोपियां।

याद तुम्हें भी तो आती होगी वृंदावन की,
बिछड़ने की पीड़ा गहरी होगी ह्रदय में तुम्हारे भी ।

इसलिए भेजती हूं मैं नित्य कमल पुष्प तुमको,
वो मात्र कमल पुष्प नहीं, भेजती हूं उसके सहारे

कुछ अतीत के चलचित्र, सजाकर वृंदावन की झांकियां ,
हां कृष्ण, मैं तुम्हें भेजती हूं स्मृतियां, सुंदर स्मृतियां।

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4 OCT 2021 AT 14:49

सुबह से 4 घंटे फेसबुक 2 घंटे इंस्टाग्राम और 1 घंटे यूट्यूब , आधा घंटा ट्विटर और आधा घंटा टेलीग्राम चलाने के बाद पत्नी अपने पति से ! uuufff😔🤷‍♀
what a busy day !!!!!!!😵

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3 OCT 2021 AT 11:14

तुम बिन सूना है मेरा जीवन
सब कुछ है बस तू नहीं है ,
और तू नहीं है तो कुछ भी नहीं है।
श्रृंगार अधूरा, ख्वाहिशें अधूरी ,
और तेरे आने की उम्मीद भी नहीं है।
सांसे तो अब भी चल रही है ,
पर तेरे बिन जिंदगी कोई जिंदगी नहीं है।


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3 OCT 2021 AT 10:48

खतरनाक है नदी की भयंकर बाढ़ सी,
जहरीली है किसी जहरीले नाग सी।
अंगारे हैं आंखों में कठोर है वज्र सी,
अगन है उसमें सारे जहान की।
वो जल सकती है, वो जला सकती है,
सारी दुनिया में आग लगा सकती है।
शिव शंभू सी प्रलयकारी है,
दूर रहना उससे! वो जलती हुई नारी है।

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23 JUL 2021 AT 17:41

khwabon ke parindon ko pinjre me kaid na kr,
Bharne de unhe unchi udaan rok tok na Kar.

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23 JUL 2021 AT 17:32

kai baar raste alag hote hai phir bhi manjil ek hoti hai ,
Kai baar raste to ek hote hai pr manjil juda Juda......

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