गैरसमज हा खुप मोठा आजार आहे,याची लागण होण्यापुर्वीच माणसाने समजुन घेण्याच्या सवयीची लस टोचुन घ्यावी.अहंकार आणि गैरसमज या दोन गोष्टी माणसाला त्याच्या मित्र व आप्तेष्टांपासुन दुर करतात,गैरसमज त्याला सत्य ऐकू देत नाही आणि अहंकार त्याला सत्य पाहू देत नाही....
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हम दोनो ने जिंदगी साथ जिने की
कसम खाई थी,
आज वो जिंदगी जी रही हे
और मे जिंदगी काट रहा हुं.....-
तुटणे और बिखरणे का चलन मांगलिया,
हमने हालात से शीशे का बदन मांगलिया,
हम भी खडे थे तकदीर के दरवाजे पर,
किसीने तुम्हे आजमाकर छीन लिया,
और हमने दिल से मांगलिया......-
काश तुम्हे बचपन मे ही मांग लिया होता,
कहते है बचपन मे रोने से सब कुछ मिलता है
जितना आज रोया हुं तुम्हारे लिये,
इतने मै तो तुम मिलती जिंदगी भर के लिये...
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Salute your HARD WORK,
Bow down to your STRUGGLE,
Envy your SIMPLICITY!
HAPPY RETIREMENT
DEAR PAPA....
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जेब को थोडा छेद क्या हो गया,
सिक्कोसे ज्यादा रिश्ते गिरणे लगे...-
आज मेरे ही शहर में मैने
पराया महसूस किया...
ऐसा लगा की मैने
सबकुछ खो दिया...-
Tere mere beech ke jo ye
Choote-choote kisse hain,
Woh meri zindagi ke
Behad haseen hisse hain...
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वो रोने क्या लगा तो उसे लगा शायद ये दर्द हैं,
सब्र करो....कुछ ही पल में उसे पता हो जायेगा की,
ये तो मेरे साथ हुवा एक धोका हैं!-
काश...इंसान भी नोटो की तरह होते,
रोशनी की तरफ करके देख लेते,असली हे या नकली !
🙂Good Night🙂-