इतने शख़्स हैं मुझ में
औरों को क्या समझाऊँ
जवाब हैरान है देखकर मुझे।-
Paramjeet Kaur
(Jeet)
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Joined 26 May 2020
16 HOURS AGO
मुसाफ़िर है ये दुनिया
मंज़िल को तलाशती
अपने वजूद को भुला
जवाबों को तलाशती।-
16 MAY AT 21:51
ख़्वाबों
का आसमाँ
उम्मीदों का था
जहाँ, बड़ों सा बनना,
दोस्तों की खिलखिलाहट
खुशियों की बस थी आहट
चाँद, तारों के शहर की थी बातें
कोई दायरा नहीं, पल में थी मुलाकातें।-
13 MAY AT 22:09
आपको देखूँ या आपसे बात करूँ
ख़्यालों से फुर्सत मिले मुलाक़ात करूँ
पल में बदलते हो क्यों अंदाज़ अपना
बैठो ज़रा सामने तो सवालात करूँ।-
12 MAY AT 22:33
वादा भूलना क्या ज़रूरी था
तुम्हारी बातों में आ गए थे
पल का गुज़रना ज़रूरी था
हक़ीक़त से परे रहने लगे थे
ज़मीं पर आना तो ज़रूरी था।-