Pankhuri Gupta   (Pankhuri gupta 'रीज़ान')
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Joined 7 June 2019


Joined 7 June 2019
22 SEP 2023 AT 20:17

अगर लड़की सही है तो सही,
फिर गलत है गलत क्यों नहीं,
अगर गलत है नियत लड़कों की,
तो कमी बेटी के संस्कारो में निकली क्यों नहीं,

कानून हैं लाखों लड़कियों के लिए,
लड़को के लिए एक हाथ क्यों नहीं,
हमेशा कसूरवार एक लड़का ही क्यों,
चलते मुकदमें लड़कियों पर क्यों नहीं,

अगर विदा की जाती हैं बेटियां,
तो कमाने के लिए जातें हैं बेटे भी दूर कहीं,
हँस रो कर जस्बात बयां कर लेती हैं बेटियां,
तो रोने का हक बेटों को क्यों नहीं,

घर चलाने का जिम्मा केवल लड़कों का हैं,
तो नौकरी में आरक्षण लड़कों को क्यों नहीं,
अगर शान की बात है लड़कियों का कमाना,
तो लड़कों का घर गृहस्थी सम्भलना शान की बात क्यों नही,

नारीवादी समाज ही क्यों
एक समानता का समाज क्यों नहीं,
ना मर्द और ना नारी
हम सब एक इंसान क्यों नहीं।

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29 JUN 2023 AT 9:34

अपने अतीत को कुरदो ज़रा।
फैसला लेना मौजूदा हालातों पर,
पर गलतियों से कुछ सीखो ज़रा।
-Pankhuri gupta

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30 APR 2023 AT 9:29

भूलने में मशक्कत लगती है बड़ी,
इसलिए यादों को समेट लिया हमने।

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24 OCT 2021 AT 8:39

मैं फ़कत बिस्कुट और
तेरा इश्क़ गरम चाय सा,
बता मुझे तुझमें डूबने से
क्या कोई रोक पायेगा?
-Pankhuri gupta

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22 OCT 2021 AT 22:53

वो मेरी बिखरी जुल्फों को बड़ी शिद्दत से संवारता है
और इसी अंदाज़-ए-इश्क़ पर मेरा दिल हार जाता है।
- Pankhuri gupta

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21 OCT 2021 AT 19:55

वो किसी तरह की करामात में नहीं आता,
वो इश्क़ है जनाब यूँ ही हयात में नहीं आता।
-Pankhuri gupta

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22 MAR 2021 AT 16:02

देखना मुकद्दर भी साथ देगा तेरा,
तेरी कोशिशों में एक शिद्दत जो है....
रोशन कर देगा तू सारे बुझे चिरागों को
तेरे इरादों में वो आतिश जो है।

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8 NOV 2020 AT 10:36

यह वक्त की रेत हाथ से फिसल जाने को कहती है,
यह जिंदगी हमें अब आगे बढ़ जाने को कहती है,
जब लगा कारवां उठ गया खुशियों का जिंदगी से.....
तभी जिंदगी ताउम्र फक़त खिलखिलाने को कहती है।

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26 OCT 2020 AT 12:18

खामोश है जमाना तो क्या ख़ाक! बने हो तुम!!!!!
क्या?... जलता है कोई...हां!तो आज बने हो तुम....
तुम्हारे पीठ पीछे जो बातें तुम्हारी होती है......
तो सोचो!!कितनों के दिल पर राज किए हो तुम।

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23 SEP 2020 AT 12:44

महबूब की बाहों में भी मयस्सर नहीं मोहब्बत...
मैं तलाश लूं सुकून जो तू बता कोई हिकमत।

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