pankajdhar dwivedi   (© पं.पंकज)
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ज़िंदगी एक खेल सी है।
Joined 28 April 2020


ज़िंदगी एक खेल सी है।
Joined 28 April 2020
10 MAY 2021 AT 21:47

कहानियां जीवन बदल दें,,,

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17 APR 2021 AT 12:19

बस अगले मोड़
सुकून होगा...

चल जिंदगी
थोड़ा और चलें ।

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16 APR 2021 AT 22:40

लॉकडाउन ,कर्फ्यू और

धारा 144 कहां जानती हैं

तुम्हारी यादें कोई भी

सरकारी आदेश कहां मानती है....

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16 APR 2021 AT 21:54

जिंदगी बड़ी होनी चाहिए

लंबी नहीं l

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16 APR 2021 AT 21:42

कल की फ़िक्र नहीं
बस आज का सुकून चाहिए।

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7 APR 2021 AT 7:39

जब आप कुछ नहीं कर सकते
तो एक चीज़ जरूर करें – ‘प्रयास’

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7 APR 2021 AT 7:35

कोशिश आखिरी सांस तक करनी चाहिए
मंजिल मिले या तजुर्बा
चीज़ें दोनों ही नायाब हैं

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27 JUN 2020 AT 13:44

कभी खामोश बैठोगे कभी कुछ गुनगुनाओगे,

मैं उतना याद आऊंगा मुझे जितना भुलाओगे।

कोई जब पूछ बैठेगा खामोशी का सबब तुमसे,
बहुत समझाना चाहोगे मगर समझा न पाओगे।

कभी दुनिया मुक्कमल बन के आएगी निगाहों में,
कभी मेरे कभी दुनिया की हर एक शह में पाओगे।

कहीं पर भी रहें हम तुम मोहब्बत फिर मोहब्बत है,
तुम्हें हम याद आयेंगे हमें तुम याद आओगे।

नज़ीर बनारसी

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25 JUN 2020 AT 23:29


विचारों को वश में रखिये,
"वो तुम्हारें शब्द बनेंगे"

शब्दों को वश में रखिये,
"वो तुम्हारें कर्म बनेंगे"

कर्मों को वश में रखिये,
"वो तुम्हारी आदत बनेंगे"

आदतों को वश में रखिये,
"वो तुम्हारा चरित्र बनेगा"

चरित्र को वश में रखिये
"वो तुम्हारा भाग्य बनेंगे"

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24 JUN 2020 AT 22:13

प्रेम
विश्लेषण का
विषय है
पर लोग समीक्षा
करने बैठ जाते हैं

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