शराब, गांजा, सिगरेट ना जाने किन-किन
नशे से तुमने रिश्ते जोड़ रखे हैं,
हमने तो बस कुल्हड़ वाली चाय की
सौंधी खुशबू से ही अनेक रिश्ते जोड़ रखे हैं।-
Shakespeare's plays.
It always has elements
like anagnorisis and peripetia
to play with you.-
जब कभी भी मैं बहुत खुश होता हूं
तो लगता है कुछ कमी है इस खुशी में,
कुछ अधूरा अधूरा सा लगता है,
समझ में नहीं आता कि अकेले खुशी
ज़ाहिर कैसे करूँ?
फिर सारी खुशियों के बादल
उमड़ते हुए तुम्हारे सिर के ऊपर
मंडराने लगते हैं
मानों हवाएं उन बादलों को तुम पर
बरस जाने को झकझोर देती हैं,
पर फिर तुम्हारें बाहों का पनाह ना पाकर
वो बादल बिखरने लगते हैं
और अपना रुख मोड़ लेते हैं,
फ़िर उदास मन से धीरे धीरे आगे बढ़ते
वो बादल बूंदाबांदी करने लगते
और आंखों से टप-टप गिरते हुए
मन को थोड़ा सा सींच जाते हैं।-
Life is full of irony,
We fall short of the things,
We are passionate about.
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जब एक लंबी कोशिश के बाद भी
आपको कुछ समझ में नहीं आये तो
उसे नियति के भरोसे छोड़ देना चाहिए,
जैसे किसी की मनःस्थिति को समझना।-
किसी को रातों की नींद खरीदनी है
तो बताए मुझे,
अभी मैं इश्क़ में हूँ।-
मिरे ज़ेहन की सिलवट-ए-उलझन को अपनी
दिलकश अदाओं से ही मिटा दिया उसने,
हाँ, कुछ ऐसा ही था उसके लबों का अंदाज़-ए-तबस्सुम।-
बरसों बाद माँ के लिए पायल खरीदते वक्त
बेटे के आंखों से आंसू छलक गए,
'त्याग' कभी माँ ने अपनी पायल बेच कर
उस बेटे के लिए साईकिल खरीदी थी।-