Pankaj Singh  
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Trust me I am an engineer
Joined 18 July 2020


Trust me I am an engineer
Joined 18 July 2020
20 APR AT 21:06

एक एहसास है तुमको छूने की जिससे रूह को सुकून मिलता ..
एक ख्वाब है कुछ पल का जिससे जीने को जुनून मिलता ..
एक इंतज़ार है जिसमें , हम-तुम टूट कर बिखर जाते..
हम समेटते एक -दूसरे को बाहों में..
और फिर जिंदगी के वो लम्हे निखार जाते..
सांस से सांस टकराते, आह से हम-तुम भर जाते..
बुझती आग उन तमन्नाओं कि ,
जिससे बुझा कर एहसास ठहर जाते।
काश तुम पास होते, हम देखते एक-दूसरे को..
और फ़िर बिन कहे कुछ तुम ,ये मीठा एहसास समझ जाते।

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15 APR AT 11:23

जो तुम कीमत से मापते हो इंसान को,
तो बताओ कि रिश्ते कीमती है कि,
रिश्ते में अपना-पन का अहसास कीमती है।
बुरे वक्त में जो गले लगा ले वो कीमती है,
या फिर वो कीमती है,जिसका लिवास कीमती है।
किसी को भुखा देख, जो रोटी बांट दें अपनी,
वो कीमती है, या फिर जिसका आवास कीमती है।
क्या हुआ जो किसी का लिवास कीमती है,
क्या हुआ जो किसी का आवास कीमती है।
जिन्दगी की कीमत जो तुम्हारी है, वहीं हमारी है।
ना हमारा लाश कीमती है,ना तुम्हारा लाश कीमती है।
फिर जिसे तुम कीमती बता रहे हों वो क्या ख़ाक कीमती है।

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12 APR AT 10:10

महबूब, मेरे महबूब का पता पूछ रहा है..
मैं उसे कैसे कहूं की तुम ही हो..
जो होते करीब तो फिर मैं अपनी आंखों में तुम्हारी तस्वीर दिखाता..
जो ना यकीन हो तो एक काम करो,
कभी आओ मेरे दिल में,,तुम्हारी यादों में लिखा,
हर क्षण का, हर पल का मैं किताब दिखाता हूं,
मैं अपनी मोहब्बत का हिसाब दिखाता हूं।

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12 APR AT 9:39

होता होगा सुरज के किरणों से दुनिया रौशन,
मेरी दुनिया के लिए तुम्हारी ये मुस्कान काफी है ।
एक गुफ्तगू होता है, तो लोग मेहमान बनते हैं,
तुम्हें नज़र भर कर जो देख लो ,
तो जान ,तुम जान बन जाते हो।
तुम जो छु जाओ मुझे, तो मैं जी लूं जिन्दगी,
वरना जिन्दा रहने के लिए,तुम समझ लो अपना,
बस ये बात काफी है, ये अहसास काफी है।

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11 APR AT 20:44

मैं सोचता हूं तुम्हारे तारीफ में कुछ लाजबाव लिखूं,
फिर सोचता हूं सदियों से लिखी गई है मोहब्बत,
भला मैं अब तुम पर विशेष क्या अल्फाज़ लिखूं।
तुम हसीन हो, तुम ख्वाब हो,
तुम ही गुलशन, तुम ही बहार हो।
तुम ही चांद, तुम ही आसमान हो,
जो भी हो अब वस तुम ही तुम हो,
तुम ही दुनियां, तुम ही ज़हान हो।
ये सब मैं लिखता पर ये सब बातें पुरानी है,
तुम जो हो वो वस महसूस किया जा सकता है ,
शब्दों में ढल जाए एसी थोड़ी ना तुम्हारी जवानी है।

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11 APR AT 20:43

मैं सोचता हूं तुम्हारे तारीफ में कुछ लाजबाव लिखूं,
फिर सोचता हूं सदियों से लिखी गई है मोहब्बत,
भला मैं अब तुम पर विशेष क्या अल्फाज़ लिखूं।
तुम हसीन हो, तुम ख्वाब हो,
तुम ही गुलशन, तुम ही बहार हो।
तुम ही चांद, तुम ही आसमान हो,
जो भी हो अब वस तुम ही तुम हो,
तुम ही दुनियां, तुम ही ज़हान हो।
ये सब मैं लिखता पर ये सब बातें पुरानी है,
तुम जो हो वो वस महसूस किया जा सकता है ,
शब्दों में ढल जाए एसी थोड़ी ना तुम्हारी जवानी है।

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31 MAR AT 17:45

कोई रंग हमें बताया जाए,
जिससे कुछ दर्द मिटाया जाए,
कोई रंग जीवन पे भी लगाया जाए,
जिससे जिन्दगी खुबसूरत बनाया जाए,
यूं तो बहुत लोग मिलते रहे हैं रंग बदलने वाले,
जो मेरे ही रंग में रंगा रह जाए,
कोई ऐसा रंग भी बताया जाए।
कौन सा रंग कितना खूबसूरत है,
भला ये कैसे किसी को समझाया जाए,
हर रंग ने तो अपना रंग जमाया है,
ये लाजबाव रंग है ,ये बोल कर,
भला जीवन के किस रंग को झुठलाया जाए।

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27 FEB AT 21:28

एक अपना-पन सा है जो हमे खिंचता है आपकी ओर,
और कोई बात थोड़ी है,
एक चाहत है आपकी रूतबे का,हम मर मिटे आप पर ,
ऐसी हमारी औकात थोड़ी है,
ये सच है हम पागल है आपके इस मन मोहिनी अवतार में,
ये गलती भी मेरी है, इसमें किसी और का हाथ थोड़ी है,
हम खुद ही कबुल करते मोहब्बत वाली इस गुनाह को,
हम आपको बदनाम कर दे इश्क में,
मेरी मोहब्बत में एसी वाली बात थोड़ी है।

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17 FEB AT 23:46

आप कहिए तो हम सुधर जाए क्या...
जो अगर हाले दिल बयां करना बदमाशी है,
तो फ़िर हम दिल में दिल की बात दबा कर रह जाए क्या..
मैने माना कि हम मोहब्बत के काबिल नहीं..
अगर आप कहें तो हम ,किसी पे मरे बिना ही मर जाये क्या...

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9 FEB AT 0:33

हम देखते आपके आंखों में,
और आप जज़्बात समझ लेते,
हम रखते अपना हाथ, आपके हाथ पर ,
और आप दिल-ए- हालात समझ लेते,
जुबान से कुछ न कहते हम दोनों,
और हर बात समझ लेते,
करते सुबह तक इश्क की हर नादानियां,
जो आप हमें अपने दिल के मेहमान समझ लेते।

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