एकांत है,
अनोखा सुख...
हर सुख की तरह
हो जाता है
इसका भी अंत
बस एक खयाल से!-
सभी का हाल पूछता है,
तलबगार-ए-ज़ार तो नहीं!
जरा पता करो;
अबकी बार चुनाव में,
ये उम्मीदवार तो नहीं!-
#UPSC_MAINS
A great sense of philosophy will introduce you as a MAD in front of society.
Although you can attain good marks in an essay exam!👀-
अरे ये सियासत है भाई!
तुम समझोगे भी कैसे?
बोलो आता है तुम्हें,
मज़हबी ईंटों से आशियां बनाना?-
कभी कभी सोचता हूं...
क्या होता यदि,
धरती पर सभी बंटवारे मांओं ने किए होते?...
क्या तब कोई असंतोष बचा होता?
क्या तब भी जमीन के टुकड़े के लिए;
नदी के पानी की खातिर;
या प्राणदाई हवा के लिए,
हम झगड़ रहे होते?
क्या तब भी सरहदें होती,
पता नहीं क्यों,
पर मेरा मन नही मानता!
पुरुषों को कहां कुछ बांटना आया है।-
नानी पहनती हैं,
+4D का लेंस।
वीडियो कॉल में;
जुड़वा पोतियों के बीच,
नानी बता देती हैं!
तुम बाईं वाली भगवती,
दाईं वाली भावना हो ना?
बिल्कुल सटीक;
बिना चश्मे के!-
जलकर जो न राख हो;
बुझकर जो शोला बने,
अंगीठी दिल की जले;
धड़कनों का सेक लगे,
धीमी आंच के खयाल पर;
एहसासों का छौंक लगे,
न चखें तो दिल जले;
चखें तो होंठ जले,
ज़ायका ये ज़िंदगी का है;
इस बिन सब बे-स्वाद लगे,
इश्क़ वो बला है!-
हर क्षण पराजित होना अभी शेष है,
एक रण जीतना अभी शेष है।
किस्से कहे गए; कहानी कई सुनी गईं,
एक जीवनी लिखी जानी अभी शेष है।
कुछ खोने का भय नहीं न ही स्वयं से द्वेष है,
थक-हार-चलता-चल, पथ अभी कुछ शेष है।
मंजिल तक तुझको है पहुंचना,
कुछ समर्पण शेष है।-