Pankaj Sharma  
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8 oct.
Chemistry teacher
Jaipur
Joined 17 January 2018


8 oct.
Chemistry teacher
Jaipur
Joined 17 January 2018
27 OCT 2023 AT 21:31

मेरे हमदम मेरे मांझी मेरी पतवार के साथी
तेरे बिन दिल नहीं लगता मेरी हर हार के साथी
तु जब खामोश रहता है समय ये थम सा जाता है
तु जब हँसता है तो जुगनू के घर मे उर्स आता है

तेरे आँचल की वो खुशबु मेरे सीने की ये धड़कन
मुझे सरगम सुनाता है मेरी आँखों का ये सावन
तु दुनियाँ है..इबादत है...तु ही सर्वस्व है मेरा..
तु मुझसे रूठ ना जाना यही परामर्श है मेरा...

मेरी बाहों में फ़िर से आ मेरे सीने से ऐसे लग...
जमाना भी तो ये देखे महोब्बत धर्म है कैसा...
वही मासूम सी बातें...युं डर डर के मुलाकातें..
क्यों ना फ़िर से कर ले हम..तेरी बातें मेरी बातें....

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25 OCT 2023 AT 10:58

मुद्दतों बाद उसको न जाने क्यों ये ख्याल आया
मुनासिब नहीं है अब मिलना, ये कहने का उसको मलाल आया
वो जब विदा होने को आया था तो बड़ा सजधज के आया था
मुझसे मिलने यूँ लुटापिटा सा पहली बार आया..
एक दस्तूर उसने आजतक यूं साध रखा है
जन्मदिन पर दुआओं का संदेशा, हर एक बार आया
बातें बहुत करता था जो, वो अब खामोश रहता है
कतथ्थई आँखों से कहने का हुनर उसे पहली बार आया....
खुशियों के सौदागर होते हैं पंसारी नहीं होता
मोहम्मद बेचने वाला गली में कितनी बार आया
मुसाफिर को घुमक्कड़ न जाने उसने क्यों कर ही सोचा
वो राहगीर राह में गिरने कहां फ़िर अगली बार आया

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15 JAN 2023 AT 0:57

वो दिल है, दिल का करार भी है..
वो कहती कभी है कि तुझपे ऐतबार भी है।
मैं मिला था उससे, बोली बुरे हो तुम...
महोब्बत है, मिलना नहीं है, मगर इंतज़ार भी है ।
आप इतने अच्छे भी नहीं हो कि हम हो जाए आपके..
और कहती है तुझसे बहुत प्यार भी है....
दिल नहीं रहता सुकून में बिना उसके...
मैं मिला उससे, तो कहती है पता नहीं क्या है मगर प्यार भी है ।
बहुत अजीब है महोब्बत उसकी... मैं क्या कहूँ क्या ना कहूँ..
मासूम सी है वो....गुलाब की उस पंखुड़ी जैसी...
हवा से बिखर सी जाती है जो....
मगर फ़िर भी शुर्ख लाल ऐतबार सी है..
एक बात उसने मुझसे यूँ कही कि पता नहीं क्यों प्यार है आपसे
मगर मैं ये कैसे कहूँ की ऐतबार भी है.....
नहीं होता भरोसा आप पर.. मगर जब जाने लगते हो
तो लगता है कि तु ही जान-ए-बहार भी है...
आज उसने रोते हुए हुए यों कहा मुझसे कि क्यों चले गए तुम
ऐसा लगता है कि जिस्म है मगर नागवार भी है..
महोब्बत है मुझसे तो हरपल मेरे साथ रहो...
तुम वहाँ मैं यहाँ.. ये महोब्बत है..?
किसने कहा.... यही तो खिलवाड भी है...

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3 JAN 2023 AT 13:36

जिन्दगी तु ही बता तेरा फलसफा क्या है
सुबह शाम हर रात फिर वही, ये माजरा क्या है..
इस भीड़ में सब क्यों हैं इतने तन्हा
वीरान होने को फ़क़त अब रहा क्या है...
हर घर में कई घर, शिकायत लिए सब दिल
मगर मालूम नहीं शिकवा- गिला क्या है....
ना चिड़ियों वाली लालिमा, ना गोधूलि की वो बेला
हालचाल पूछ कभी, तेरे कुचे को ये हुआ क्या है...
घना जंगल ये कब जानता है...
रेजिस्तां में खेजड़ी के होने की वजह क्या है...

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19 JAN 2022 AT 18:10

अजीब फ़साना है कि समंदर पार करने के बाद उसे लगता है कि मैं नाव चलाने के काबिल नहीं हूँ.......
सुबूत में हवाला लहरों से गुजर आने का है..........

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17 JAN 2022 AT 21:48

मंज़िल ना तुझमे मेरी,फिर राहें क्यूँ टकराई हैं..
जैसे खिली धूप बारिश पे,इंद्रधनुष सी छाई है.....
जैसे सपनो का सागर,नयनो से अनदेखा है..
आँसू तेरा ना मैने,ना तूने मेरा देखा है.....
दूर क्षितिज सी आँखों मे,क्या वो तेरी परछाई है...
ना कहीं सुनी आवाज़ तेरी,पर धुन कानों तक आई है...
सागर की गहराई मे,जिस सीपी ने मोती थामें है..
वो इश्क़ को मोती समझे है जग इश्क़ को समझे सांचे हैं..
तू या तो श्याह होजा मुझमें या कर दे मुझे सुफेद अभी...
अब मुझको भी तो पता चले मैं तुझको कान्हा सोचूं हूँ
तू मुझको मीरा माने है..........

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17 JAN 2022 AT 16:55

भूले से मुस्कुरा तो दिए थे वो आज तो क्या हुआ
वो चाहते हैं फिर एक नई शुरुआत तो क्या हुआ
घर बनाने की चाह में शहतीर रख दिये
अब इसे कहना पड़े मकान तो क्या हुआ
वो चले हैं जिंदगी में नए रंग ढूंढ़ने........
मेरे इश्क़ का रंग श्याह हुआ तो क्या हुआ..

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3 JAN 2022 AT 23:09

जिंदगी की अजब चाल है, कहानी है...
फ़टे चिल्मन में भी आंखों का थमा पानी है...
जो शक्स नींद में भी मुझको गुनगुनाता था...
वही पूछे है कि पहचान क्या पुरानी है........

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22 NOV 2021 AT 0:00

मैं, तू था जो फ़रियाद नहीं करता कोई
मैं वो घर था जिसे आबाद नहीं करता कोई
तू सहर में घूम जरा इसे आबाद नहीं करता कोई
तू जला के चला भी गया तो किसी को याद नहीं करता कोई

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17 OCT 2021 AT 16:05

बिन किसी क़िताब ये इश्क़ सीखते कैसे गए
ये नैणा बिन पाव ही घर मीत के कैसे गए....
हर सफ़र का रास्ता उसकी गली से हो चला
वो ख़ुदा होते गए... हम बाखुदा होते गए....

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