कुछ बाते हमारे दर्मियां भी होनी थी, जहां सपने है वहां कुछ अधूरे ख्वाब भी होने थे। मैने देखा है तारों को भी टूटते हुए, इज़हार से मुश्किल चीज, हुं! कुछ और नही।।
कतरा - कतरा जैसे - जैसे बह रहा है, वैसे - वैसे होले - होले उद्वेलित मन रो रहा है, फर्श पर लाल छींटों का ये रुदन, अब समझ नहीं आता मुझे। रात इक पहेली है समझ सको तो जादूगर हो तुम